प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा आज हमारे देश के जाने-माने कथा सम्राट उपन्यासकार, युगद्रष्टा मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। जरा कुछ क्षण के लिए विचार किया जाय… प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more
Month: July 2021
भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समर
भोलवा का कुर्ता उसने आंख खोलकर एक बार देखा और फिर अपनी फटी कम्बल खींच ली। सर्दी आज भी बहुत अधिक थी। मगर तभी उसकी… भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समरRead more
Small birds and naughty monkeys-Nidhi Choudhary
Small birds and naughty monkeys A cute bird named Chunchun lived on a banyan tree in a dense forest (Chanchal Van). There were many birds… Small birds and naughty monkeys-Nidhi ChoudharyRead more
जागरुकता-कुमारी निरुपमा
जागरुकता सूरज आज वर्ग में बहुत उदास बैठा था। दीपक समझ ही नहीं पा रहा था कि वह क्यों उदास है। फिर उसे याद आया कि… जागरुकता-कुमारी निरुपमाRead more
संकल्पों की शक्ति-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’
संकल्पों की शक्ति ओम और अक्षय दोनों बचपन के मित्र थे। ओम अपने नाम के अनुरूप ही शांत, हसमुख, विनम्र और मेहनती था जबकि अक्षय… संकल्पों की शक्ति-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’Read more
बच्चों को संस्कार दें-हर्ष नारायण दास
बच्चों को संस्कार दें हर व्यक्ति सुख की तलाश में रहता है। कोई भी व्यक्ति दुःखी नहीं रहना चाहता है बल्कि सब सुखी ही रहना… बच्चों को संस्कार दें-हर्ष नारायण दासRead more
कुत्ते की वफादारी-लवली कुमारी
कुत्ते की वफादारी रीमा की मां झाड़ू लगा रही थी और चिल्ला रही थी “ये रीमा की बच्ची कुत्ते के बच्चे को लाकर हर… कुत्ते की वफादारी-लवली कुमारीRead more
Et Cash: Direct Mutual Funds, Stocks & Wealth Management Platform
Lucky System: 1xbet Player Hits Jackpot By Successful Over 1,000,000 Dollars To scan the QR code you must use a QR code scanner app or your smartphone digital camera utilizing… Et Cash: Direct Mutual Funds, Stocks & Wealth Management PlatformRead more
लैंडमार्क-कुमारी निरुपमा
लैंडमार्क अंश आज अपने गांव आठ वर्ष के बाद जा रहा था। उसके पापा को उनकी कम्पनी एक प्रोजेक्ट को पूरा करने न्यूयार्क भेज दिया… लैंडमार्क-कुमारी निरुपमाRead more
समझू-विजय सिंह नीलकण्ठ
समझू मे आई कम इन सर? समझू ने वर्ग कक्ष के दरवाजे पर खड़े होकर वर्ग शिक्षक से पूछा। हॉं-हॉं आईए, आईए, आप ही का… समझू-विजय सिंह नीलकण्ठRead more