लालच बुरी बला है-पंकज कुमार


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

लालच बुरी बला है           वैशाली जिले के राजोपुर गाँव में मोहन नाम का एक आदमी रहता था । वह बहुत ही लालची और कंजूस आदमी था… लालच बुरी बला है-पंकज कुमारRead more

और मैं बन गई मम्मा-मधुमिता


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

और मैं बन गई मम्मा           गोधूलि बेला में मैं ध्यान करने जा रही थी कि तभी मोबाइल की घंटी बजी। बेटू ने कहा “मम्मा मेरा… और मैं बन गई मम्मा-मधुमिताRead more

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारी


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है           जैसा कि हम अपने समाज में देखते है कि बहुत से लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। उनका… मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारीRead more

बहन की दुआ-मनु कुमारी


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

बहन की दुआ           रक्षाबंधन का दिन था। अन्य बहनों की तरह रिमझिम भी इस त्योहार को लेकर काफी उत्साहित थी! रिमझिम के परिवार में केवल… बहन की दुआ-मनु कुमारीRead more

आँचल-विजय सिंह नीलकण्ठ


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

आँचल           आँचल शब्द को देखते या सुनते ही सबों को अपनी माँ के आँचल की याद आ जाती है जो हर दुःख-दर्द में कवच का… आँचल-विजय सिंह नीलकण्ठRead more

गाँव-दिलीप कुमार गुप्ता


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

गाँव            शहर की भीड़ भरी उमस से बरबस ही ध्यान खींचती है गाँव की हरी-भरी वादियां ।शहरों के कोलाहल आपा धापी घुटन चित्कार उहापोह अपनों… गाँव-दिलीप कुमार गुप्ताRead more

आजादी का सुख-रानी कुमारी


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

आजादी का सुख           अरी बहन चमेली, तुम्हारे पत्ते आज मुरझाए-से क्यों लग रहे हैं?” बरामदे पर रखे गमले में शान से खड़े गुलाब के पौधे… आजादी का सुख-रानी कुमारीRead more

रूप से बड़ा गुण-प्रीति कुमारी


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

  रूप से बड़ा गुण           एक बार की बात है। एक गाँव में एक सेठ रहता था। वह कपड़े का व्यापार करता था। उसके मुनीम… रूप से बड़ा गुण-प्रीति कुमारीRead more

चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

चिराग           एक छोटे से गाँव के मैदान में एक छोटा सा रंगमंच तैयार था। उद्घोसक महोदय न थकते हुए लगातार लोगों को आवाज लगा रहे… चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”Read more

आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दास


Deprecated: Implicit conversion from float 19.6 to int loses precision in /home/forge/gadyagunjan.teachersofbihar.org/public/wp-content/plugins/internal-links/core/links/text-to-link-converter-factory.php on line 36

हिन्दी नवजागरण के पुरोधा आचार्य शिवपूजन सहाय           आचार्य शिवपूजन सहाय का जन्म बक्सर जिला अंतर्गत उनवान्स नामक गाँव में 9अगस्त 1893 को बुधवार को हुआ… आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दासRead more