हम सभी मानते है कि प्रकृति हमेशा न्याय करती है और यह मानना भी चाहिए।जो घटनाएं घटित होती है प्रकृति उसको पहले लिख चुकी होती है। अगर प्रकृति न्याय करतीं… प्रकृति – रणजीत कुशवाहाRead more
Author: Anupama Priyadarshini
मूल्यों के विकास में परिवार की भूमिका- विमल कुमार विनोद
मूल्य शब्द का शाब्दिक अर्थ है-उपयोगिता या वांछनीयता।सामान्यतः किसी समाज में उन आदर्शों को महत्व दिया जाता है,जिनसे उस समाज के व्यक्तियों का व्यवहार निर्देशित तथा नियंत्रित होता है, जिसे… मूल्यों के विकास में परिवार की भूमिका- विमल कुमार विनोदRead more
सदव्यवहार- विमल कुमार विनोद
किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसका व्यवहार बहुत कीमती चीज माना जाता है।व्यवहार किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बेशकीमती गहना माना जाता है,जिसके बिना लोगों का जीवन… सदव्यवहार- विमल कुमार विनोदRead more
जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”
श्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।मोहन बाबू जो कि एक दफ्तर में काम करते हैं।इनके परिवार में कुल मिलाकर लगभग दस सदस्य हैं, जिनमें से इकलौता कमाने वाले मोहन बाबू ही हैं।दिनभर… जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more
लघुकथा- सुधीर कुमार
” आइए हरेंद्र चाचा , बैठिए । कहिए , कैसे आना हुआ ? ” घर से बाहर आते हुए मुखिया जी ने अपने पड़ोसी हरेंद्र ठाकुर को देखते हुए कहा… लघुकथा- सुधीर कुमारRead more
हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरव
कुंदन का परीक्षाफल आज निकलने वाला है। इसीलिए वह सुबह से ही दैनिक कार्यों से निवृत्त होने लगा। स्कूल जाने के समय तैयार हो स्कूल की ओर चल पड़ा। स्कूल… हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरवRead more
मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोद
जीवन की वास्तविकता पर आधारितश्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।सोहन नामक एक छोटा सा बालक जो कि परिवार का एकलौता,दुलारा पोता है।परिवार में पोता के आगमन होने के कारण घर के सभी… मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोदRead more
नालायक बेटा”एक लघुकथा- श्री विमल कुमार
पृष्ठभूमि-सरोज नाम का एक लड़का है,जिसके पिता जी व्यवसाय करते हैं,माता जी गृहिणी हैं।पिता सुबह उठकर अपने दुकान पर चले जाते हैं, सरोज पढ़ने के नाम पर घर से निकलता… नालायक बेटा”एक लघुकथा- श्री विमल कुमारRead more
“कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”
रमेश नामक एक छोटा सा बालक बचपन में अपने दरवाजे पर प्रतिदिन सड़क के किनारे खेलता था।एक दिन इसी क्रम में खेलते समय अचानक दो बैल आपस में लड़ते हुये… “कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more
जिम्मेवारी- संजीव प्रियदर्शी
शादी के तुरंत बाद बिटिया की बिदाई हो रही थी और वह माँ के गले लिपट कर जार-जार रोती जाती थी। ऐसी हालत पिछले कई दिनों से थी उसकी।जब से… जिम्मेवारी- संजीव प्रियदर्शीRead more