भाषा एक प्रतिबिंब वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब “भाषा” है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसके द्वारा प्रयुक्त भाषा… भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”Read more
Category: शैक्षणिक
हृदय परिवर्तन-सुरेश कुमार गौरव
हृदय परिवर्तन कुंदन का परीक्षाफल आज निकलने वाला है इसीलिए वह सुबह से ही दैनिक कार्यों से निवृत्त होने लगा। स्कूल जाने के समय तैयार… हृदय परिवर्तन-सुरेश कुमार गौरवRead more
अनोखा पक्षी नीलकंठ-सुरेश कुमार गौरव
अनोखा पक्षी नीलकंठ हम सभी पक्षियों के रंग-रुप और उसकी विशेषताओं के बारे में अक्सर पढ़ते व जानते हैं। लेकिन आज दक्षिण एशियाई पक्षी नीलकंठ… अनोखा पक्षी नीलकंठ-सुरेश कुमार गौरवRead more
झंडा गीत के रचयिता-हर्ष नारायण दास
झंडा गीत के रचयिता स्वतंत्रता प्रेमी, सच्चे देशभक्त तथा देशवासियों के प्रति सम्मान और इसकी सतत रक्षा करने की प्रेरणा देने वाले राष्ट्रप्रिय “झण्डा गीत”… झंडा गीत के रचयिता-हर्ष नारायण दासRead more
प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा आज हमारे देश के जाने-माने कथा सम्राट उपन्यासकार, युगद्रष्टा मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। जरा कुछ क्षण के लिए विचार किया जाय… प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more
विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय-कुमारी निरुपमा
विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा के मामले में आज भले ही भारत दुनिया के कई देशों से पीछे है लेकिन एक समय… विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय-कुमारी निरुपमाRead more
धैर्य वन मुर्गी की-लवली कुमारी
धैर्य वन मुर्गी की एक दिन मैं खिड़की से झांक रही थी कि मेरी नजर उस वन मुर्गी पर पड़ी जो मेरे घर के पोखर… धैर्य वन मुर्गी की-लवली कुमारीRead more
आओ हम योग करें-अशोक कुमार
आओ हम योग करें साथियों योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु युज से हुई है जिसका मतलब व्यक्तिगत चेतना होता है। आज हमलोगों के बीच… आओ हम योग करें-अशोक कुमारRead more
अच्छे माता पिता कैसे बने-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
अच्छे माता-पिता कैसे बने बच्चे अनुकरणीय होते हैं। वे अपने से बड़ो को जैसा आचरण करते देखते हैं वैसा ही आचरण वे करने लगते… अच्छे माता पिता कैसे बने-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’Read more
कृतज्ञता-कुमारी निरुपमा
कृतज्ञता सौरभ आज अपने खिड़की पर उदास बैठा था। खिड़की के सामने बेल का पेड़ था जिसे आज मजदूर काटने आएंगे। पापा चार दिन… कृतज्ञता-कुमारी निरुपमाRead more