और मैं बन गई मम्मा-मधुमिता

और मैं बन गई मम्मा           गोधूलि बेला में मैं ध्यान करने जा रही थी कि तभी मोबाइल की घंटी बजी। बेटू ने कहा “मम्मा मेरा… और मैं बन गई मम्मा-मधुमिताRead more

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारी

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है           जैसा कि हम अपने समाज में देखते है कि बहुत से लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। उनका… मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारीRead more

गाँव-दिलीप कुमार गुप्ता

गाँव            शहर की भीड़ भरी उमस से बरबस ही ध्यान खींचती है गाँव की हरी-भरी वादियां ।शहरों के कोलाहल आपा धापी घुटन चित्कार उहापोह अपनों… गाँव-दिलीप कुमार गुप्ताRead more

आजादी का सुख-रानी कुमारी

आजादी का सुख           अरी बहन चमेली, तुम्हारे पत्ते आज मुरझाए-से क्यों लग रहे हैं?” बरामदे पर रखे गमले में शान से खड़े गुलाब के पौधे… आजादी का सुख-रानी कुमारीRead more

चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”

चिराग           एक छोटे से गाँव के मैदान में एक छोटा सा रंगमंच तैयार था। उद्घोसक महोदय न थकते हुए लगातार लोगों को आवाज लगा रहे… चिराग-विजय सिंह “नीलकण्ठ”Read more

आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दास

हिन्दी नवजागरण के पुरोधा आचार्य शिवपूजन सहाय           आचार्य शिवपूजन सहाय का जन्म बक्सर जिला अंतर्गत उनवान्स नामक गाँव में 9अगस्त 1893 को बुधवार को हुआ… आचार्य शिवपूजन सहाय-हर्ष नारायण दासRead more