लगन का फल-देव कांत मिश्र दिव्य

Devkant

लगन का फल 

          किसी कार्य में सफल होने के लिए खुद पर भरोसा रख कर लक्ष्य निर्धारण करना जरूरी है। एक बार अब्राहम लिंकन ने कुशल वक्ता बनने के लिए अपनी आवाज में जादुई चमत्कार लाने का लक्ष्य बनाया। इसे पूरा करने के लिए वे अपने अध्यापक मैटर ग्राहम से मिले। उनकी बातें अच्छी तरह समझ परख कर अध्यापक ने कहा- “बेटे, अपनी वाणी में जादुई असर लाने के लिए तुम्हें व्याकरण का हमेशा ध्यान रखना होगा।” लिंकन साधनहीन थे, लेकिन उनकी लगन व निष्ठा ने उन्हें अपने निवास से लगभग 8-10 किलोमीटर दूर एक गांँव में पैदल भेज दिया, जहांँ से वे एक पुस्तक उधार मांँग कर लाए और अपने अध्ययन कार्य में जी जान से लग गये। देखते ही देखते कुछ सप्ताह बाद व्याकरण पर उनकी अच्छी पकड़ बन गई और अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करते हुए वे अपने समय के कुशल व सर्वश्रेष्ठ वक्ता बन गये। लिंकन ने उसके बाद कहा- “जब तक लक्ष्य का सफल भेदन न हो जाए तब तक अपने कार्य पर लगन और निष्ठा से जुटे रहो। सफलता आपको अवश्य मिलेगी। यदि आप किसी काम के प्रति ईमानदारी व निष्ठापूर्वक लगे रहते हैं तो आपको उसमें सफलता अवश्य हासिल होती है।” वास्तव में लगन से किए गए काम का फल मीठा होता है। कुल मिलाकर हर व्यक्ति को अपना कार्य कर्तव्यपरायणता के साथ करना चाहिए। उससे आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंँच सकते हैं।

देव कांत मिश्र ‘शिक्षक’ मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुल्तानगंज, भागलपुर

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3 thoughts on “लगन का फल-देव कांत मिश्र दिव्य

  1. सुंदर आलेख! .मनुष्य को हर कार्य निष्ठापूर्वक ही करना चाहिए तभी वो लक्ष्य तक आसानी से पहुँच पाता है।

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