शिक्षा में मातृभाषा की उपयोगिता : अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह बंधनों से मुक्त होना नहीं चाहता । वह इससे जुड़कर ही अपनी कामयाबी हासिल करना चाहता है । अपने संस्कार जागृत और व्यक्तित्व को प्रतिभावान बनाने के लिए उसे सहज और सरल भाषा की आवश्यकता होती है जिसके सहारे वह अपनी छाप समाज के बीच छोड़ना चाहता है ।
यहीं से भाषा अपनानी पड़ती है जिसे वह अपना सके और अपनी प्रतिभा को विकसित कर सके । इस कार्य में उसकी मातृभाषा अधिक कार्य करती है क्योंकि यह भाषा उसकी अपनी भाषा होती है जो सहज रूप से उसके लिए प्रशस्त होती है ।

शिक्षा को संपूर्णता के साथ तादात्म्य बैठाने में यह भाषा अन्य भाषाओं से अधिक कारगर और निपुणता दिलानेवाली होती है ।
उसे किसी विषय से संबंधित संदर्भ को समझने और उसे विकसित करने में सहुलियत होती है । जब भाषा में सहजता और सरलता दोनों होती है तब
वह सभी संदर्भों के लिए समझ विकसित करने में कामयाब होती है । यह भाषा उसे अनुकूलता प्रदान करती है तथा भावों के संप्रेषण में मददगार सिद्ध होती है ।
शिक्षा में मातृभाषा का माध्यम मील के पत्थर की भाँति कार्य करती है जिसका कोई नुकसान नहीं होता , अलबत्ता कई फायदे दृष्टिगत होते हैं जिससे मानवीय मूल्यों का सहज और सुगम विकास होना सुनिश्चित हो जाता है ।
अपनी मातृभाषा में एक सहजता होती है एक लयात्मकता होती है ; जिस कारण हम किसी संदर्भ को आसानी से आत्मसात करते हैं और दूसरों को भी इसका लाभ सुगम तरीके से दे सकते हैं ।
आजकल बच्चों के बीच मातृभाषा के माध्यम से उनके शिक्षा का विस्तार हो , इस पर जोर दिया जा रहा है ताकि वे किसी विषय को अच्छी तरह आत्मसात कर सकें ।
वास्तव में शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका का निर्वहन करता है जिसमें उस भाषा की निर्णायक भूमिका होती है जिस भाषा के सहारे उसके ज्ञान चक्षु के दरवाजे खुलते हैं । बहुत बार परिस्थितियाँ मनुष्य के अनुकूल नहीं होती परन्तु जब वह मातृभाषा के सहारे शिक्षा रूपी रत्न को पाता है तब उसे वहाँ से उबरने में अधिक सहायता मिलती है और वह उस आसन्न संकट को भी पार कर लेता है जिसकी सुध पहले उसे नहीं रहती ।
विचारोपरांत यह निष्कर्ष निकलता है कि शिक्षा में मातृभाषा के उपयोग से महत्वपूर्ण लाभ व्यक्ति को मिलता है क्योंकि उस भाषा की पकड़ उसे बचपन से ही होती है।


अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा

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