स्वभाव – मुकेश कुमार मृदुल

लघुकथाअपने घर के बैठकखाने में टयूशन पढ रहे सात वर्ष का लडका पढने के क्रम में रुककर बोला – “अब छुट्टी कर दीजिए सर।”‘क्यों ?’ शिक्षक ने पूछा।सर अभी मेरी… स्वभाव – मुकेश कुमार मृदुलRead more

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समर्पण से शक्ति तक, पांच साल बेमिसाल – डॉ मनीष कुमार

#पांच साल बेमिसाल बिहार के शिक्षा विभाग में शिक्षकों ने स्वप्रेरणा से एक ऐसी गतिविधि से जुड़ते गए जहां से शिक्षकों के खुद की जो बहुमुखी विकास के साथ-साथ शिक्षार्थी,… समर्पण से शक्ति तक, पांच साल बेमिसाल – डॉ मनीष कुमारRead more

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पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शी

लघुकथा ”गांव में जो सबसे बढ़कर धर्मनिष्ठ होगा, आज की सभा में वे ही पुरस्कार के हकदार होंगे।” ग्राम-समिति की उद्घोषणा सुनते ही रात-दिन ईश्वर नाम की माला जपने वालों… पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शीRead more

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