समझ- संजीव प्रियदर्शी

लघुकथा पत्नी ने आकर कहा-‘ अजी सुनते हो! मनोरमा को जिस पूज्य बाबा जी की अनुकंपा से लड़का हुआ है,चलो न चलकर उनका आशीर्वाद ले लें।सुना है, वे पहुंचे हुए… समझ- संजीव प्रियदर्शीRead more

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सबक- संजीव प्रियदर्शी

एक लघुकथा बारात अभी जनवासे पर पहुँची थी कि घर के लोगों को जैसे सांप सूंघ गया। माता-पिता को कुछ सूझ नहीं रहा था कि अब क्या किया जाए।धन तो… सबक- संजीव प्रियदर्शीRead more

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