प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा           आज हमारे देश के जाने-माने कथा सम्राट उपन्यासकार, युगद्रष्टा मुंशी प्रेमचंद की जयंती है। जरा कुछ क्षण के लिए विचार किया जाय… प्रेमचंद हमारे युगद्रष्टा-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more

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भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समर

भोलवा का कुर्ता           उसने आंख खोलकर एक बार देखा और फिर अपनी फटी कम्बल खींच ली। सर्दी आज भी बहुत अधिक थी। मगर तभी उसकी… भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समरRead more

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जागरुकता-कुमारी निरुपमा

जागरुकता          सूरज आज वर्ग में बहुत उदास बैठा था। दीपक समझ ही नहीं पा रहा था कि वह क्यों उदास है। फिर उसे याद आया कि… जागरुकता-कुमारी निरुपमाRead more

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संकल्पों की शक्ति-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’

संकल्पों की शक्ति           ओम और अक्षय दोनों बचपन के मित्र थे। ओम अपने नाम के अनुरूप ही शांत, हसमुख, विनम्र और मेहनती था जबकि अक्षय… संकल्पों की शक्ति-ब्रम्हाकुमारी मधुमिता ‘सृष्टि’Read more

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बच्चों को संस्कार दें-हर्ष नारायण दास

बच्चों को संस्कार दें           हर व्यक्ति सुख की तलाश में रहता है। कोई भी व्यक्ति दुःखी नहीं रहना चाहता है बल्कि सब सुखी ही रहना… बच्चों को संस्कार दें-हर्ष नारायण दासRead more

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कुत्ते की वफादारी-लवली कुमारी

कुत्ते की वफादारी             रीमा की मां झाड़ू लगा रही थी और चिल्ला रही थी “ये रीमा की बच्ची कुत्ते के बच्चे को लाकर हर… कुत्ते की वफादारी-लवली कुमारीRead more

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लैंडमार्क-कुमारी निरुपमा

लैंडमार्क           अंश आज अपने गांव आठ वर्ष के बाद जा रहा था। उसके पापा को उनकी कम्पनी एक प्रोजेक्ट को पूरा करने न्यूयार्क भेज दिया… लैंडमार्क-कुमारी निरुपमाRead more

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