मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह बंधनों से मुक्त होना नहीं चाहता । वह इससे जुड़कर ही अपनी कामयाबी हासिल करना चाहता है । अपने संस्कार जागृत और व्यक्तित्व… शिक्षा में मातृभाषा की उपयोगिता : अमरनाथ त्रिवेदीRead more
Author: Aastha Deepali
आशा ही जीवन है : सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक प्रवाह है—कभी शांत, कभी उग्र; कभी सरल, तो कभी दुर्गम। इस प्रवाह के मध्य यदि कोई तत्व हमें डूबने से बचाए रखता है, तो वह है—”आशा”। यही वह… आशा ही जीवन है : सुरेश कुमार गौरवRead more
शिक्षा में बहुभाषावाद से सम्बन्धित लाभ और चुनौतियाँ : आशीष अम्बर
बहुभाषावाद एक से अधिक भाषाओं को बोलने , समझने, पढ़ने और लिख सकने की क्षमता है । यह व्यक्तिगत या सामाजिक क्षमता हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर… शिक्षा में बहुभाषावाद से सम्बन्धित लाभ और चुनौतियाँ : आशीष अम्बरRead more
विषय में या विषय के प्रति रुचि व जिज्ञासा जगाना शिक्षक की कला : गिरीन्द्र मोहन झा
शिक्षक के तीन ही प्रमुख गुण होते हैं।- विषय का गंभीर ज्ञान (content knowledge), सम्प्रेषण कौशल(communication skill) और शिक्षण-शास्त्र(Pedagogy)। कहते हैं, “Teacher is not one, who only teaches. He is… विषय में या विषय के प्रति रुचि व जिज्ञासा जगाना शिक्षक की कला : गिरीन्द्र मोहन झाRead more
बचपन और उसकी यादें : रूचिका
बचपन और उसकी यादें जब भी जेहन में आ जाती हैं तो होठों पर बरबस ही मुस्कान चली आती हैं।बचपन के दिनों में गर्मी की छुट्टियों का वर्षभर बेसब्री से… बचपन और उसकी यादें : रूचिकाRead more
पटना का गोलघर-एक ऐतिहासिक स्मारक : हर्ष नारायण दास
पटना विश्व के प्राचीनतम नगरों में से एक है।अपनी ऐतिहासिक गाथा के क्रम में इस नगर के नाम कई बार परिवर्तित हुए।कुसुमपुर, पुष्पपुर, अजीमाबाद, पाटलिपुत्र, पाटलिग्राम इत्यादि नामों से प्रसिद्ध… पटना का गोलघर-एक ऐतिहासिक स्मारक : हर्ष नारायण दासRead more
शिशिर ऋतु का मध्य! : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
दिसंबर के महीना! दिल्ली की ठंड। शीत लहरी! रात के 10 बज रहे थे। ऊना अपनी माँ और पापा के साथ मौसी के घर से अपने घर आ रही थी।… शिशिर ऋतु का मध्य! : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्याRead more
अंग्रेजी शिक्षा का खालीपन : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
सुरेश बहुत खुश था। पिता बनने के सुख की अनुभूति से आह्लादित वो फुले नहीं समा रहा था। बार-बार भगवान को धन्यबाद देता हुआ वो कभी अपनी पत्नी तो कभी… अंग्रेजी शिक्षा का खालीपन : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्याRead more
अंग्रेजी भाषा में शिक्षण की सार्थकता : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
अंग्रेजी भाषा की यात्रा एक सामान्य पिछड़े कबीले से शुरू होकर जहां के सभ्य सुसंस्कृत कहे जाने वाले लोगों से तिरस्कृत स्थिति से आज कालजयी और परिधिमुक्त स्थिति को प्राप्त… अंग्रेजी भाषा में शिक्षण की सार्थकता : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्याRead more
प्लास्टिक हटाएँ, पर्यावरण बचाएँ : देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
पर्यावरण हमारे लिए एक बहुचर्चित विषय है तथा यह पूरी दुनिया के लिए एक ज्वलंत समस्या है। इस वर्ष पर्यावरण दिवस का विषय है: ” वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण का अंत।”… प्लास्टिक हटाएँ, पर्यावरण बचाएँ : देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more