अमर गीतकार-शकील बदायूनी : हर्ष नारायण दास

गीतों के सरताज शकील  बदायूं नी का जन्म उत्तरप्रदेश के बदायूँ  शहर में 3 अगस्त 1916 को हुआ था।उनके पिता मौलाना जमील अहमद शायर थे,जो”सोख्ता”उपनाम से शायरी करते थे।घर का… अमर गीतकार-शकील बदायूनी : हर्ष नारायण दासRead more

राष्ट्रीय खेल दिवस : नेहा कुमारी

जीवन का हर पल खेल है,बुरा हो या अच्छा ।जो हिम्मत से अडिग रहा,वही खिलाड़ी है सच्चा । इसी पृष्ठभूमि में हम बात करते हैं राष्ट्रीय खेल दिवस की। राष्ट्रीय… राष्ट्रीय खेल दिवस : नेहा कुमारीRead more

दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमार

बचपन में रामू महतो और मनोहर सिंह के बीच दांत कटी दोस्ती थी, ना जात का बंधन ना अमीरी का रोब प्राथमिक विद्यालय भरगामा में दोनों साथ पढ़ते थे। उस… दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमारRead more

स्त्री का दर्द : रूचिका

सरिता जी की कामवाली सरला आज फिर देर से आई। सरिता जी ने कहा, “सरला,आज फिर तूने देर कर दी जबकि कल ही मैंने कहा था जरा जल्दी आना, कुछ… स्त्री का दर्द : रूचिकाRead more

उद्धार : अरविंद कुमार

” राम..नाम..सत्य..है,सब.. का..यही.. गत..है.राम..नाम…सत्य..है..सब ..का ..यही ..गत .है ” के नारे के साथ रंगीन कागज से सजी भागवत दास की अर्थी आगे-आगे चल रही थी । पीछे से टोले के… उद्धार : अरविंद कुमारRead more

दोहरा चेहरा : रूचिका

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सुधा जी का जोरदार स्वागत किया गया। सुधा जी को नारी उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और स्त्रियों के सुरक्षा और सहयोग के लिए… दोहरा चेहरा : रूचिकाRead more

स्वतंत्रता दिवस : अरविंद कुमार

भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अररिया का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है । सन 1857 की पहली जंग-ए-आजादी से लेकर 1942 की अगस्त क्रांति तक अररिया जिले के सपूतों ने… स्वतंत्रता दिवस : अरविंद कुमारRead more

स्वतंत्रता, स्वाधीनता और मुक्ति : गिरीन्द्र मोहन झा

स्वतंत्र रहना आपका अधिकार है । स्व का अर्थ अपना और तंत्र का अर्थ शासन और system होता है। अर्थात् स्वयं पर शासन, अपने ही ढंग से चलना। आप यदि… स्वतंत्रता, स्वाधीनता और मुक्ति : गिरीन्द्र मोहन झाRead more