#पांच साल बेमिसाल बिहार के शिक्षा विभाग में शिक्षकों ने स्वप्रेरणा से एक ऐसी गतिविधि से जुड़ते गए जहां से शिक्षकों के खुद की जो बहुमुखी विकास के साथ-साथ शिक्षार्थी,… समर्पण से शक्ति तक, पांच साल बेमिसाल – डॉ मनीष कुमारRead more
Author: Anupama Priyadarshini
पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा ”गांव में जो सबसे बढ़कर धर्मनिष्ठ होगा, आज की सभा में वे ही पुरस्कार के हकदार होंगे।” ग्राम-समिति की उद्घोषणा सुनते ही रात-दिन ईश्वर नाम की माला जपने वालों… पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शीRead more
“समाज को बदल डालो – विमल कुमार ‘विनोद’
— एक रंगमंचीय नाटक ओपनिंग दृश्य- सुबह का समय मंदिर का दृश्य,बहुत सारे लोग मंदिर में हैं,घंटी बजती है,आरती शुरू होती है।सभी लोग आरती करते हैं)पंडित जी-(सभी भक्तों से बोलिये)सर्वमंगलमांगलये… “समाज को बदल डालो – विमल कुमार ‘विनोद’Read more
बोध – संजीव प्रियदर्शी
एक लघुकथा लकड़ा जेब से पिस्तौल निकालकर ज्यों ही गोलियाँ चलाता कि यकायक उसके हाथ रुक गये। यह क्या? ये तो विभाष सर हैं! भला इन्हें कैसे मार सकता है… बोध – संजीव प्रियदर्शीRead more
यार, तूने तो सब को रूला दिया – मो.जाहिद हुसैन
वह दोस्ती ही क्या? जिसमें सब मीठा ही मीठा हो। दो दोस्त होंगे तो बीच-बीच में खींचातानी भी होगी। इन सब बातों से मोहब्बत बढ़ती है। क्या जमाना… यार, तूने तो सब को रूला दिया – मो.जाहिद हुसैनRead more
परिवार – संजीव प्रियदर्शी
अपनी सहेली द्वारा ससुराल के बारे में पूछे जाने पर मनोरमा बोलने लगी -‘ अरे राधा, मैं ससुराल में भले रह रही हूंँ, परन्तु यहां के लोगों का हमारे ऊपर… परिवार – संजीव प्रियदर्शीRead more
दृष्टिकोण – संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा सुनीता अपनी ननद की लड़की की शादी में काफ़ी लल्लो-चप्पो के बाद जाने को राजी हुई थी।ननद शोभा और ननदोई सुनील शादी-विवाह का घर होते हुए भी सुनीता का… दृष्टिकोण – संजीव प्रियदर्शीRead more
कर्मों का फल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
दीपू अपने माता-पिता का एकलौता पुत्र था। देखने में गोरा, लंबा और हृष्ट-पुष्ट था। उसने बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त किया था। परन्तु उसका स्वभाव गंदा था। उसकी पत्नी रितिका एम.ए.… कर्मों का फल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’Read more
लाल सपना – चांदनी समर
उसकी नींद खुली तो बिस्तर पर खून के धब्बे थे। पेट में मरोड़ उठ रही थी। बड़ी मुश्किल से कराते हुए वह खड़ा हो पाया। तभी उसकी छोटी बहन तानिया… लाल सपना – चांदनी समरRead more
दूसरा भगवान – संजीव प्रियदर्शी
परामर्श शुल्क के अभाव में दो बार क्लीनिक से लौटाये जाने के बाद वह तीसरी दफे रुपये जुटाकर अपने दस वर्षीय लड़के को दिखाने आई थी।कई लोगों ने बताया था… दूसरा भगवान – संजीव प्रियदर्शीRead more