सम्मान सौभाग्य से मेरा जन्म एक शिक्षक परिवार में हुआ था। मेरे पिताजी शिक्षक थे।परिवार में और लोग भी शिक्षक हैं। सो मेरे रग-रग में… सम्मान-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तवRead more
Author: Vijay Bahadur Singh
चिंकी वैद्य-विजय सिंह नीलकण्ठ
चिंकी वैद्य किसी जंगल में चिंकी नाम की एक गिलहरी अपने बच्चों के साथ एक पेड़ पर रहती थी। एक दिन वह उसी पेड़ के… चिंकी वैद्य-विजय सिंह नीलकण्ठRead more
आत्मनिर्भरता-अर्चना गुप्ता
आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भर का अर्थ ही है अपनी जरूरतों के लिए खुद पर निर्भर रहना औरों पर नहीं। यदि कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर हो तो वह अपना… आत्मनिर्भरता-अर्चना गुप्ताRead more
जिज्ञासा-विजय सिंह नीलकण्ठ
जिज्ञासा ऐसी अमूर्त भावना जो हर किसी के अंदर समाहित रहती है। यह अमूर्त होते हुए भी इतना महत्वपूर्ण है जो मानव को… जिज्ञासा-विजय सिंह नीलकण्ठRead more
मृत्यु एक सत्य-राकेश कुमार
मृत्यु एक सत्य मनुष्य जब इस अलौकिक दुनियाँ में आता है तो एक निश्चित अवधि के बाद इस खुबसूरत दुुनियाँ से अलविदा भी हो जाता… मृत्यु एक सत्य-राकेश कुमारRead more
लालच बुरी बला है-पंकज कुमार
लालच बुरी बला है वैशाली जिले के राजोपुर गाँव में मोहन नाम का एक आदमी रहता था । वह बहुत ही लालची और कंजूस आदमी था… लालच बुरी बला है-पंकज कुमारRead more
और मैं बन गई मम्मा-मधुमिता
और मैं बन गई मम्मा गोधूलि बेला में मैं ध्यान करने जा रही थी कि तभी मोबाइल की घंटी बजी। बेटू ने कहा “मम्मा मेरा… और मैं बन गई मम्मा-मधुमिताRead more
मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारी
मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है जैसा कि हम अपने समाज में देखते है कि बहुत से लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। उनका… मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारीRead more
बहन की दुआ-मनु कुमारी
बहन की दुआ रक्षाबंधन का दिन था। अन्य बहनों की तरह रिमझिम भी इस त्योहार को लेकर काफी उत्साहित थी! रिमझिम के परिवार में केवल… बहन की दुआ-मनु कुमारीRead more
आँचल-विजय सिंह नीलकण्ठ
आँचल आँचल शब्द को देखते या सुनते ही सबों को अपनी माँ के आँचल की याद आ जाती है जो हर दुःख-दर्द में कवच का… आँचल-विजय सिंह नीलकण्ठRead more