भाषा एक प्रतिबिंब वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब “भाषा” है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसके द्वारा प्रयुक्त भाषा… भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”Read more
Category: संदेशपरक
देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘
देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से शिव और शक्ति विश्व को मूर्तरूप प्रदान करने के परमावश्यक अवयव हैं। पदार्थ में शिवत्व का दर्शन और शक्ति… देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘Read more
लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमा
लौटा दो मेरा स्कूल रात के पौने दस बज रहे थे। मैं इसलिए देर से काली मंदिर गई थी ताकि भीड़ एकदम नहीं हो। जब मंदिर… लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमाRead more
बेटी दिवस की सार्थकता-सुरेश कुमार गौरव
बेटी दिवस की सार्थकता आज बेटी दिवस है। संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर यह दिवस मनाया जाता है। हर देश में अलग-अलग तिथियों में… बेटी दिवस की सार्थकता-सुरेश कुमार गौरवRead more
चंचल वन में जलेबी दौड़-निधि चौधरी
चंचल वन में जलेबी दौड़ चंचल वन में जलेबी दौड़ का आयोजन किया गया। राजा शेर सिंह ने सबको कबूतर काका द्वारा यह संदेश भिजवाया। सभी जानवरों… चंचल वन में जलेबी दौड़-निधि चौधरीRead more
हिंदी को यथायोग्य सम्मान मिलना चाहिए-रूचिका राय
हिंदी को यथायोग्य सम्मान मिलना चाहिए हिंदी भाषा सहज, सरल व स्पष्ट होते हुए भी आज अपने बचा्व के लिए संघर्षरत है। हिंदी… हिंदी को यथायोग्य सम्मान मिलना चाहिए-रूचिका रायRead more
हिंदी का संछिप्त इतिहास-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर
हिंदी का संछिप्त इतिहास हिंदी भाषा संस्कृत, प्राकृत, पालि, अपभ्रंश से होती हुई विकसित हुई। हिंदी के प्रारंभिक रूप में हमें अपभ्रंश के अधिकांश शब्द… हिंदी का संछिप्त इतिहास-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुरRead more
हिन्दी दिवस-प्रियंका दुबे
हिन्दी दिवस मानव जाति श्रेष्ठता की उपाधि से अलंकृत हो स्वयं को अन्य जीवों की श्रेणी में सर्वोपरि मानता है। अभिव्यक्ति की क्षमता मनुष्य को… हिन्दी दिवस-प्रियंका दुबेRead more
झिझक-कुमारी निरुपमा
झिझक सोनम आज बहुत अच्छी तरह से वर्ड को याद किया। गत दिन जब मनोरमा मैडम कल्पना चावला के बारे में पढ़ाया तभी से उसके… झिझक-कुमारी निरुपमाRead more
गरीबी से द्वंद करती मेहनत-श्री विमल कुमार “विनोद”
गरीबी से द्वंद करती मेहनत एक गरीब व्यक्ति जिसके माता-पिता एक गरीब परिवार से आते हैं। एक निम्नवर्गीय माधो जो एक अत्यन्त गरीब किसान था।… गरीबी से द्वंद करती मेहनत-श्री विमल कुमार “विनोद” Read more