जंगल के सरदार

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जंगल के सरदार (बाल कथा)

बहुत समय पहले की बात है।एक सुंदर और घना जंगल था,जहां विभिन्न प्रकार के जानवर खुशी-खुशी रहते थे। शेर,हाथी, हिरण,बंदर,लोमड़ी, खरगोश और पक्षियों की ढेड़ सारी प्रजातियां।उस जंगल का सरदार शेर था।वह ताकतवर था, उसके गर्जन से ही सबमें डर बैठ जाता।जानवर उसकी शक्ति का सम्मान करते थे और उसकी आज्ञा मानते थे।

शेर का शासन शुरू में ठीक चला,पर धीरे-धीरे उसमें घमंड आ गया।वह सोचने लगा कि वहीं सबसे समझदार और योग्य है।वह बिना सोचें समझे निर्णय लेने लगा,छोटे जानवर की बात नहीं सुनता और केवल अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता।इससे जंगल में डर का माहौल बन गया।

एक दिन शेर को तेज बुखार हो गया और वह चल फिर भी नहीं पा रहा था।अब जंगल में शासन का प्रश्न खड़ा हो गया।जानवरों ने आपस में बैठक की और फैसला किया कि जबतक शेर ठीक न हो जाए,तबतक कोई और जानवर जंगल की देखरेख करेगा।

कई जानवरों ने सरदार बनने की इच्छा जताई,लेकिन अंततः सबकी सहमति से एक बुद्धिमान हाथी को यह जिम्मेदारी दी गई।हाथी ताकतवर भी था और सबसे बड़ी बात- वह शांत स्वभाव का था,सबकी सुनता और न्याय करता था।

हाथी ने जंगल में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए।उसने जानवरों की एक सभा बुलाई,जहां छोटे बड़े सभी की बातें सुनी जाती।उसने पेड़ों की कटाई रोकी,जलस्रोतों की सफाई करवाई और शिकार न करने का नियम बनाया।उसने यह भी कहा कि हर जानवर को सम्मान मिलेगा,चाहे वह छोटा हो या बड़ा।

धीर-धीरे जंगल में भय के स्थान पर विश्वास और संयोग का माहौल बनने लगा।सभी जानवर खुश रहने लगे। पक्षियों ने फिर से गाना शुरू किया,हिरण निडर होकर चरने लगे, खरगोश मुस्कुराने लगे।

कुछ समय बाद जब शेर पूरी तरह ठीक हुआ,वह जंगल लौट आया।उसने देखा कि जंगल पहले से ज्यादा सुन्दर,व्यवस्थित और शांति पूर्ण हो गया है।पहले वह नाराज़ हुआ,पर जब हाथी ने सब बदलाव की वजह बताई,तब शेर को अपनी गलती का एहसास हुआ।

शेर ने सभा में सबके सामने हाथी को धन्यवाद दिया और कहा “अब मैं समझा कि शक्ति नहीं बल्कि बुद्धि,धैर्य और न्याय से ही अच्छा नेता बना जा सकता है”।मैं वादा करता हूं कि अब मैं हर किसी की बात सुनूंगा और जंगल को मिलकर चलाऊंगा।

शिक्षा:

इस कहानी से हम सीखते है कि नेतृत्व का मतलब ताकत दिखाना नहीं होता।एक सच्चा नेता वह होता है जो सबकी सुनता है,न्याय करता है और सबको साथ लेकर चलता है।जीवन में करुणा,बुद्धिमता और संयम भी उतना ही जरूरी है जितनी शक्ति।यही गुण हमें अच्छा इन्सान और सच्चा नेता बनाते हैं।

भोला प्रसाद शर्मा

प्राथमिक विद्यालय गेहुंमा(पूर्व)

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