तोते से नेहा की दोस्ती,,, चित्र संख्या 5

तोते से नेहा की दोस्ती

नेहा नाम की एक प्यारी और छोटी सी लड़की रतनपुर गाँव में रहती थी। एक दिन वह अपने परिवार के साथ पिकनिक पर गई जहां उसकी नज़र पेड़ पर बैठे एक तोता पर पड़ी। वह पेड़ के नीचे खड़ी हो गई और उसने कहा तुम्हारा नाम क्या है? जब तोता कुछ नहीं बोला तो नेहा बोली मैं तुम्हें मिट्ठू कहूंगी, तुम मेरे साथ मेरे घर चलो। नेहा तोते से हाथ जोड़कर बिनती करते हुए कहती है तुम्हारी चोंच लाल है, तुम्हारा रंग हरा और पंख बहुत ही प्यारे है, तुम मेरे दोस्त बन जाओ तो मैं तुम्हें लाल मिर्च और अनेक फल खाने को दूंगी। हमदोनो एक दूसरे से खूब बातें करेंगे। मैं तुम्हें पढ़ना भी सिखा दूंगी।

तोता उस प्यारी सी बच्ची के निश्चल प्रेम के आगे झुक गया और उसके साथ उड़ता हुआ चला गया। वह उसे अपने घर ला कर बहुत खुश थी, उसने दादा, दादी सबको दिखाया। फ़िर नेहा अपने घर के पीछे बगीचे में मिट्ठू को लेकर गई और उसे पेड़ पर रख के उसके लिए वहां घर बनाया ताकि मिट्ठू को अपना जीवन आज़ाद लगे और पेड़ पर इधर –उधर उड़े, बगीचे में घूमे पर जानवरों से सुरक्षित रहने के लिए रात में घर में रहे।

प्रतिदिन नेहा सुबह उठकर उसके पास जाती उसे गुड मॉर्निंग बोलती, बदले में मिट्ठू भी उसे गुड मॉर्निंग बोलता। समय से उसे भोजन देती जो भी वो खाना पसंद करता। विद्यालय से आकर उसे विद्यालय की बातें बताती, शाम को उसके साथ खेलती, दौड़ती, चहकती। धीरे धीरे मिट्ठू उसकी बातों को दोहराने लगा और उसकी तरह बोलने लगा। दोनों की दोस्ती बहुत गहरी हो गई। यह एक निश्चल प्रेम था दोनों में।

  1. शिक्षा – किसी भी जीव को प्रेम और आज़ादी से उसे अपना बनाया जा सकता है।
0 Likes
Spread the love

Leave a Reply