साहसी रिचा-अशोक कुमार

Ashok

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“साहसी रिचा”

मैं अशोक कुमार न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया में प्रधान शिक्षक के पद पर कार्यरत हूं। मैं टीचर्स ऑफ बिहार को कोटि-कोटि धन्यवाद दूंगा जिन्होंने अथक परिश्रम से बिहार में गिरती शिक्षा को आगे लाने के लिए टी ओ बी मंच का निर्माण कर बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए फेसबुक या ट्विटर के माध्यम से अपने कौशल को बिखेर रहे हैं। 28 मई 2021 को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर टीचर्स ऑफ बिहार एवं यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में मेरे द्वारा एक छोटी सी कहानी लिखी गई है जिसका शीर्षक है साहसी रिचा-
रिचा नाम की लड़की जो अपने नजदीकी उत्क्रमित मध्य विद्यालय नुआंव की छात्रा है। वह बहुत परिश्रमी लड़की है। वह प्रतिदिन स्कूल जाती है तथा पढ़ने में भी सभी लड़कियों से अच्छी है। एक बार प्रखंड स्तर पर तरंग प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। इस तरंग प्रतियोगिता में प्रखंड के सभी बच्चियां भाग ली। इस तरंग प्रतियोगिता में कूल पांच बच्चियों का चयन हुआ उसने रिचा का प्रथम स्थान था। इस प्रतियोगिता में प्रखंड स्तर पर सीआरसी बीआरसी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उन सभी बच्चियों को सम्मानित किया गया। तथा तरंग प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को अगले तारीख को जिला के तरंग प्रतियोगिता में भाग लेना था। अगले दिन प्रधानाध्यापक महोदय ने उन बच्चियों के साथ एक शिक्षक को तरंग प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए जिला में भेज दिए। अगले दिन जिला में विभिन्न प्रखंडों से आए बच्चे एवं बच्चियों का प्रतियोगिता होनी थी। सभी बच्चों के मन में खुशी थी की हम अगले दिन जिला में प्रथम आकर अपने विद्यालय के साथ-साथ प्रखंड एवं जिला में अपना नाम रोशन करेंगे। अगले दिन सभी बच्चियां तैयार होकर खेल के मैदान में पहुंच चुकी थी उसमें रिचा भी पहुंची थी। रिचा के चेहरे पर थोड़ी उदासी छाई हुई थी। उदासी का उसका मुख्य कारण उसका माहवारी का आना था। और उसके पास सेनेटरी पैड नहीं था। इसलिए वह मायूस बैठी थी। रिचा की मायूसी जानने के लिए शिक्षक ने उनसे मायूसी का कारण पूछा। रिचा ने कहा कि सर मैं इस प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं हो पाऊगी। शिक्षक ने कहा क्यों? तुम मुझे सम्मिलित नहीं होने का कारण बताओ। रिचा ने शर्माते हुए कहा कि सर छोड़िए। शिक्षक के बहुत समझाने के बाद रिचा ने अपनी सारी बात शिक्षक से बताई। शिक्षक ने कहा की इसमें शर्माने की क्या बात है। मैं तुम्हारे लिए बाजार से सेनेटरी पैड मंगवा देता हूं। रिचा ने कहा बहुत बढ़िया सर मंगवा दीजिए तब देखिए मेरी प्रतिभा। शिक्षक ने बाजार से सेनेटरी पैड मंगवा कर रिचा को दिया। कुछ ही समय बाद सभी बच्चियां फील्ड में चली गई और प्रतियोगिता का शुभारंभ हो गया। 800 मीटर की दौड़ में रिचा का तरंग प्रतियोगिता में जिला में प्रथम स्थान आया। और उसे जिला पदाधिकारी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। रिचा अपने विद्यालय के साथ साथ अपने प्रखंड अपने माता पिता एवं राज्य का नाम रौशन किया।
इस तरह रिचा ने अपनी साहस का परिचय देते हुए सभी बच्चियों का हौसला अफजाई करते हुए हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहती है। अगर रिचा अपनी मायूसी का कारण अपने शिक्षिक को नहीं बताती तो हो सकता है उसके स्थान पर कोई दूसरी बच्चियां जिला में अब्बल आती। इसलिए मुझे सभी बच्चों से सलाह है कि वह अपने झिझक को तोड़ते हुए अपनी बातें वर्ग शिक्षिका एवं विद्यालय प्रधान से अवश्य कहें।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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