पर्यावरण: जीवन का आधार और उत्तरदायित्व : सुरेश कुमार गौरव

भूमिका: पर्यावरण शब्द उस समग्र प्राकृतिक परिवेश को दर्शाता है जिसमें हम सभी जीवित प्राणी सांस लेते हैं, जीवनयापन करते हैं और विकसित होते हैं। यह वायु, जल, भूमि, वनस्पति,… पर्यावरण: जीवन का आधार और उत्तरदायित्व : सुरेश कुमार गौरवRead more

रूपा ने पेड़ लगाई स्वच्छ पर्यावरण पाई : नीतू रानी

एक लड़की थी उसका नाम था रूपा। रूपा रोज स्कूल जाती थी। जब स्कूल से घर आती तो उसको घर आने का मन नहीं करता क्योंकि स्कूल में बहुत सारे… रूपा ने पेड़ लगाई स्वच्छ पर्यावरण पाई : नीतू रानीRead more

निष्प्रभावी होता सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध : आशीष अम्बर

प्लास्टिक के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए भारत को ‘ सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त भारत ‘ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 1 जुलाई ,… निष्प्रभावी होता सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध : आशीष अम्बरRead more

पर्यावरण संरक्षण : हमारा कर्तव्य : नूतन कुमारी

पर्यावरण हम मानव जाति के लिए ईश्वर का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ उपहार है। पर्यावरण की वजह से ही हम मानव जीवन का अस्तित्व हैं। पर्यावरण से हमें वो हर संसाधन… पर्यावरण संरक्षण : हमारा कर्तव्य : नूतन कुमारीRead more

वृक्षारोपण-वृक्षसंरक्षण : गिरीन्द्र मोहन झा

भारतीय संस्कृति में पर्यावरण/प्रकृति के सभी जीवनी-शक्तिदायिनी घटकों को देवतुल्य मानकर उनके प्रति श्रद्धा रखी जाती है। प्रथम सद्ग्रंथ वेद, जो कि अब भी संसार को दिखाने का काम करते… वृक्षारोपण-वृक्षसंरक्षण : गिरीन्द्र मोहन झाRead more

प्रकृति के साथ पुनः जुड़ाव की पुकार : सुरेश कुमार गौरव

परिचय: हर वर्ष 5 जून को सम्पूर्ण विश्व में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह केवल एक दिवस नहीं, बल्कि पृथ्वी की पुकार है — जीवन के संतुलन की… प्रकृति के साथ पुनः जुड़ाव की पुकार : सुरेश कुमार गौरवRead more

पर्यावरणीय चुनौतियाँ और हम : आशीष अम्बर

हमें जो स्वस्थ पर्यावरण विरासत में मिला है , वह हमारे पास भावी पीढ़ियों की धरोहर है । भावी पीढ़ी को यह धरोहर स्वच्छ व स्वस्थ रूप में सौंपना हमारा… पर्यावरणीय चुनौतियाँ और हम : आशीष अम्बरRead more

भाषा शिक्षण में अंग्रेज़ी भाषा की सार्थकता : सुरेश कुमार गौरव

भूमिका: भाषा न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि संस्कृति, ज्ञान और विकास का सेतु भी है। भारत जैसे बहुभाषी देश में जहाँ मातृभाषाओं की विविधता है, वहीं अंग्रेज़ी भाषा… भाषा शिक्षण में अंग्रेज़ी भाषा की सार्थकता : सुरेश कुमार गौरवRead more

चुप्पी तोड़ें, खुलकर बोलें

आलेख चुप्पी तोड़ें, खुलकर बोलें मुकेश कुमार मृदुल माहवारी नारी देह की एक प्रकृति प्रदत्त प्रक्रिया है जो उसकी प्रजनन क्षमता को प्रदर्शित करती  है। इसे स्त्री होने का परिचय… चुप्पी तोड़ें, खुलकर बोलेंRead more