(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-2) यदि बच्चे के मस्तिष्क पर दबाव न पड़े तो उनमें सीखने की जिज्ञासा स्वतः जागृत होगी। बंटी का एडमिशन पापा ने अपने एक दोस्त के विद्यालय ‘अल्मा मैटर’… अलमामैटर: मस्ती की पाठशाला : मो. जाहिद हुसैनRead more
Author: Aastha Deepali
बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दास
नागार्जुन का जन्म1911 ईस्वी की ज्येष्ठ पूर्णिमा को वर्त्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था।यह सतलखा गाँव उनका ननिहाल था।उनका पैतृक गाँव वर्त्तमान दरभंगा जिले के तरौनी था।इनके पिता… बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दासRead more
पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरव
बचपन में कोई सिखाता नहीं कि झूठ बोलना बुरा है, पर जब बोलते हैं और पकड़े जाते हैं – तभी असल शिक्षा मिलती है।मुझे याद है – वह मेरी तीसरी… पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरवRead more
कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरव
प्रस्तावना: प्रकृति में ऐसे अनेक जीव हैं जो मौन रहते हुए भी हमें जीवन की महान शिक्षाएँ दे जाते हैं। कछुआ (Turtle/Tortoise) भी उन्हीं में एक अद्भुत जीव है –… कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरवRead more
राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरव
प्रस्तावना: भारत के नवजागरण की जब भी चर्चा होती है, राजा राममोहन राय का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाता है। वे न केवल एक विचारक थे, बल्कि एक कर्मठ समाजसुधारक, पत्रकार,… राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरवRead more
नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झा
महापुरुष अज्ञात, निर्वाक और शांत होते हैं।महापुरुष नाम-यश के गुलाम नहीं होते हैं। वे शब्दों(निन्दा-स्तुति) के भी गुलाम नहीं होते हैं। वे दृढ़नियमी, कर्तव्यपरायण और ईमानदार होते हैं। वे कर्तापन… नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झाRead more
वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झा
महाभारत के वनपर्व में महामुनि मार्कण्डेय जब पाण्डवों से मिलते हैं तो पाण्डव उनसे बहुत सारे प्रश्न करते हैं, उनमें एक प्रश्न यह भी होता है, ऋषिवर, क्या द्रौपदी से… वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झाRead more
शिक्षा में मातृभाषा की उपयोगिता : अमरनाथ त्रिवेदी
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह बंधनों से मुक्त होना नहीं चाहता । वह इससे जुड़कर ही अपनी कामयाबी हासिल करना चाहता है । अपने संस्कार जागृत और व्यक्तित्व… शिक्षा में मातृभाषा की उपयोगिता : अमरनाथ त्रिवेदीRead more
आशा ही जीवन है : सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक प्रवाह है—कभी शांत, कभी उग्र; कभी सरल, तो कभी दुर्गम। इस प्रवाह के मध्य यदि कोई तत्व हमें डूबने से बचाए रखता है, तो वह है—”आशा”। यही वह… आशा ही जीवन है : सुरेश कुमार गौरवRead more
शिक्षा में बहुभाषावाद से सम्बन्धित लाभ और चुनौतियाँ : आशीष अम्बर
बहुभाषावाद एक से अधिक भाषाओं को बोलने , समझने, पढ़ने और लिख सकने की क्षमता है । यह व्यक्तिगत या सामाजिक क्षमता हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर… शिक्षा में बहुभाषावाद से सम्बन्धित लाभ और चुनौतियाँ : आशीष अम्बरRead more