व्हाइट हिल : मो.ज़ाहिद हुसैन

(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-3) व्हाइट हिल प्रकृति की गोद में बसा एक अनोखा विद्यालय है जहां सह-संज्ञानात्मक क्रिया पर जोर देकर बच्चियों में जिम्मेदारी, रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता का विकास… व्हाइट हिल : मो.ज़ाहिद हुसैनRead more

पिता की सीख : कुमारी निधि

रोहन तब बारहवीं में पढ़ रहा था। वह पढ़ने में बहुत होशियार था। रोहन के पिता ने उसे कोई कमी नहीं दी। रोहन के मुँह खोलने से पहले उसके सामने… पिता की सीख : कुमारी निधिRead more

पितृ दिवस विशेष : सं. गिरीन्द्र मोहन झा

आज पितृ दिवस पर हमारे ग्रंथों में पिता के लिए कहे गये शब्द:(संकलन: गिरीन्द्र मोहन झा) पा रक्षणे धातु से पिता पद निष्पन्न होता है अर्थात् जो विपत्तियों से रक्षा… पितृ दिवस विशेष : सं. गिरीन्द्र मोहन झाRead more

अलमामैटर: मस्ती की पाठशाला : मो. जाहिद हुसैन

(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-2)   यदि बच्चे के मस्तिष्क पर दबाव न पड़े तो उनमें सीखने की जिज्ञासा स्वतः जागृत होगी। बंटी का एडमिशन पापा ने अपने एक दोस्त के विद्यालय ‘अल्मा मैटर’… अलमामैटर: मस्ती की पाठशाला : मो. जाहिद हुसैनRead more

बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दास

नागार्जुन का जन्म1911 ईस्वी की ज्येष्ठ पूर्णिमा को वर्त्तमान मधुबनी जिले के सतलखा में हुआ था।यह सतलखा गाँव उनका ननिहाल था।उनका पैतृक गाँव वर्त्तमान दरभंगा जिले के तरौनी था।इनके पिता… बाबा नागार्जुन की जयन्ती : हर्ष नारायण दासRead more

पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरव

बचपन में कोई सिखाता नहीं कि झूठ बोलना बुरा है, पर जब बोलते हैं और पकड़े जाते हैं – तभी असल शिक्षा मिलती है।मुझे याद है – वह मेरी तीसरी… पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरवRead more

कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरव

प्रस्तावना: प्रकृति में ऐसे अनेक जीव हैं जो मौन रहते हुए भी हमें जीवन की महान शिक्षाएँ दे जाते हैं। कछुआ (Turtle/Tortoise) भी उन्हीं में एक अद्भुत जीव है –… कछुआ: धैर्य, संतुलन और संरक्षण का प्रतीक : सुरेश कुमार गौरवRead more

राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरव

प्रस्तावना: भारत के नवजागरण की जब भी चर्चा होती है, राजा राममोहन राय का नाम सम्मानपूर्वक लिया जाता है। वे न केवल एक विचारक थे, बल्कि एक कर्मठ समाजसुधारक, पत्रकार,… राजा राममोहन राय : आधुनिक भारत के अग्रदूत : सुरेश कुमार गौरवRead more

नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झा

महापुरुष अज्ञात, निर्वाक और शांत होते हैं।महापुरुष नाम-यश के गुलाम नहीं होते हैं। वे शब्दों(निन्दा-स्तुति) के भी गुलाम नहीं होते हैं। वे दृढ़नियमी, कर्तव्यपरायण और ईमानदार होते हैं। वे कर्तापन… नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झाRead more

वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झा

महाभारत के वनपर्व में महामुनि मार्कण्डेय जब पाण्डवों से मिलते हैं तो पाण्डव उनसे बहुत सारे प्रश्न करते हैं, उनमें एक प्रश्न यह भी होता है, ऋषिवर, क्या द्रौपदी से… वट सावित्री व्रत : गिरीन्द्र मोहन झाRead more