असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरव

रवि एक मेहनती लेकिन साधारण छात्र था। माध्यमिक की परीक्षा में असफल होने के बाद उसकी दुनिया जैसे अंधकारमय हो गई थी। समाज के ताने, रिश्तेदारों की उपेक्षा और दोस्तों… असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरवRead more

परीक्षा का सच- सुरेश कुमार गौरव

गाँव के छोटे से स्कूल में पढ़ने वाला सूरज पढ़ाई में औसत था। परीक्षा का नाम सुनते ही उसके माथे पर पसीना छलकने लगता। इस बार भी वार्षिक परीक्षा सर… परीक्षा का सच- सुरेश कुमार गौरवRead more

जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरव

गाँव के अंतिम छोर पर एक टूटी-फूटी झोपड़ी में बुजुर्ग हरिश्चंद्र रहते थे। उम्र के अंतिम पड़ाव पर उनका न कोई संगी था, न कोई संतान। समय काल ने उनसे… जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरवRead more

रजिया की शादी- नीतू रानी

रजिया की माँ रजिया की शादी बारह वर्ष में करवा देना चाहती थी। यानी कि “बाल विवाह”, क्योंकि अगर रजिया पंद्रह, सत्रह साल की हो जाएगी तो उसके लायक लड़का… रजिया की शादी- नीतू रानीRead more

चहारदीवारी तोड़कर निकली मनीषा- नीतू रानी

एक हरिजन परिवार में पली-बढ़ी मनीषा।मनीषा का सपना था जो मैं बड़ी होकर पढ़ -लिखकर कुछ बनूँ । लेकिन उसके परिवार में उसे पढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे और… चहारदीवारी तोड़कर निकली मनीषा- नीतू रानीRead more

बंटी की दोस्ती- कंचन प्रभा

बंटी एक छोटा, चुलबुला खरगोश था जो जंगल के किनारे अपने बिल में रहता था। वह बहुत मिलनसार था, लेकिन उसके कोई खास दोस्त नहीं थे। वह हमेशा सोचता कि… बंटी की दोस्ती- कंचन प्रभाRead more

समान अवसर- रूचिका

कक्षा से बच्चों के शोरगुल की आवाजें आ रही थी, प्रधानाध्यापक ने झांककर देखा तो कुछ बच्चे आपस में उलझ रहे थे। उन्होंने बच्चों को डाँटते हुए कहा कि दस… समान अवसर- रूचिकाRead more

सत्य का प्रकाश- सुरेश कुमार गौरव

गाँव के एक छोटे से विद्यालय में आदर्श नाम का एक शिक्षक था, जो अपने छात्रों को सिर्फ़ किताबों का ज्ञान ही नहीं, बल्कि नैतिकता और जीवन-मूल्यों की सीख भी… सत्य का प्रकाश- सुरेश कुमार गौरवRead more

छाँव की पंचायत- सुरेश कुमार गौरव 

गर्मी की तपती दोपहर थी। खेतों के किनारे सात-आठ वृक्षों के झुंड छाया बिखेर रही थी। उनकी शाखाएँ ऐसे फैलीं मानो प्रकृति ने अपना आँचल फैला दिया हो। उसी घनी… छाँव की पंचायत- सुरेश कुमार गौरव Read more

ज्ञान की सच्ची पहचान- सुरेश कुमार गौरव

गाँव के एक सरकारी विद्यालय में रमेश नाम के शिक्षक अन्य शिक्षकों की तरह वे भी पढ़ाते थे। उसकी सादगी, लगन और शिक्षण शैली के कारण बच्चे उसे बहुत पसंद… ज्ञान की सच्ची पहचान- सुरेश कुमार गौरवRead more