यार, तूने तो सब को रूला दिया – मो.जाहिद हुसैन

    वह दोस्ती ही क्या? जिसमें सब मीठा ही मीठा हो। दो दोस्त होंगे तो बीच-बीच में खींचातानी भी होगी। इन सब बातों से मोहब्बत बढ़ती है। क्या जमाना… यार, तूने तो सब को रूला दिया – मो.जाहिद हुसैनRead more

वृक्ष की व्यथा- श्री विमल कुमार “विनोद”

एक लघु नाटिका कास्टिंग सीन-जंगल का दृश्य। (अंधेरी रात,जंगल में शेर,चीता, भालू,सियार तथा अन्य जानवरों की आवाज,इसी बीच जंगल में लकड़ी काटने की आवाज) काटो, जल्दी काटो। मोटी-मोटी सीसम, सागवान,महोगनी,आम,जामुन… वृक्ष की व्यथा- श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

दास्तां-ए-जिन्दगी – श्री विमल कुमार”विनोद”

सोहन नामक एक छोटा सा बालक, जिसका जन्म एक साधारण निर्धन परिवार में हुआ था।वह बालक बचपन में तो पढ़ने-लिखने में कम अपने दोस्तों के साथ खेलने कूदने में अधिक… दास्तां-ए-जिन्दगी – श्री विमल कुमार”विनोद”Read more

धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शी

रमिया और टुनका दहाड़ें मार कर रो रहे थे। रोते भी क्यों नहीं, जिगर का एक ही तो टुकड़ा था जिसे गंगा मैया ने अपने ओद्र में समा लिया था।टुनका… धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शीRead more

लैंडमार्क-कुमारी निरुपमा

लैंडमार्क           अंश आज अपने गांव आठ वर्ष के बाद जा रहा था। उसके पापा को उनकी कम्पनी एक प्रोजेक्ट को पूरा करने न्यूयार्क भेज दिया… लैंडमार्क-कुमारी निरुपमाRead more