समझू मे आई कम इन सर? समझू ने वर्ग कक्ष के दरवाजे पर खड़े होकर वर्ग शिक्षक से पूछा। हॉं-हॉं आईए, आईए, आप ही का… समझू-विजय सिंह नीलकण्ठRead more
Category: हिन्दी कहानी
असली बेटा-धीरज कुमार
असली बेटा सुबह के लगभग 9:00 बज रहे होंगे। गुप्ता जी बाजार से सब्जी लेकर आए थे और थके हुए पंखे के नीचे बैठकर हवा… असली बेटा-धीरज कुमारRead more
मित्रता का मान-कुमारी निरुपमा
मित्रता का मान विद्यालय में “कृष्ण और सुदामा” नाटक का मंचन किया जाना था। वर्ग सात के अंग्रेजी के किताब का एक लेशन जब से… मित्रता का मान-कुमारी निरुपमाRead more
कभी हार मत मानो-निधि चौधरी
कभी हार मत मानो कनक मध्यम वर्गीय परिवार की एक 10 साल की लड़की है। एक दिन वह अपनी माँ के हाथों बनी आलू के… कभी हार मत मानो-निधि चौधरीRead more
सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टि
सत्कर्म का फल एक दिन अंबर नाम का ग्वाला सुबह दूध लेकर बेचने को निकला। वह दूध बेचकर घर की ओर लौट रहा था कि… सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टिRead more
आशा की किरण-कुमारी निरुपमा
आशा की किरण अमन, सौरभ, मोनू और गौरव चारों दोस्त जब 12 अप्रैल को विद्यालय गये तब पता चला कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के… आशा की किरण-कुमारी निरुपमाRead more
धूप में देवता-संजीव प्रियदर्शी
धूप में देवता रघु बारह हजार रुपये पत्नी लखिया को देते हुए बोला – “रख ले ये रुपये। फ़सल के दाम हैं।” लखिया नोटों की… धूप में देवता-संजीव प्रियदर्शीRead more
जल अमूल्य है-रूचिका राय
जल अमूल्य है बाहर खटर पटर की आवाज सुनते ही सुधा के बेजान शरीर में हरकत हुई। किसी तरह खुद को उठाते हुए वह बाहर… जल अमूल्य है-रूचिका रायRead more
दिव्यांगता ईश्वरीय रुप-कुमारी निरुपमा
दिव्यांगता ईश्वरीय रुप दिव्यांग अर्थात दिव्य अंग जिसके पास हो। ईश्वर द्वारा प्रदत्त एक विशिष्ट सृजन। इन विशेष प्रकार के बच्चों का पालन-पोषण देख-रेख, पढ़ाई… दिव्यांगता ईश्वरीय रुप-कुमारी निरुपमाRead more
मातृ दिवस-शफ़क़ फातमा
मदर्स डे सभी माँओं को समर्पित एक दिवस हमारे जीवन में कई ऐसे रिश्ते हैं जिन्हें साल भर के कैलेंडर से एक दिन (दिवस) निकाल… मातृ दिवस-शफ़क़ फातमाRead more