संदिग्ध आँखें बाजार से लौटते समय जिग्नेश की बाइक के दाईं मीरर पर किसी गाड़ी के आने का प्रकाश दिखा जो बड़ी तेजी से आ… संदिग्ध आँखें-विजय सिंह नीलकण्ठRead more
Category: हिन्दी कहानी
आशीर्वाद-कुमारी निरुपमा
आशीर्वाद माॅं की तबीयत जब भी खराब होती थी मोनिया को पिंकी दीदी के घर जाना ही होता था। मोनिया की मां परीक्षा के समय… आशीर्वाद-कुमारी निरुपमाRead more
महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी-हर्ष नारायण दास
महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी राजा उपरिचर, चेदि देश के राजा थे। वे बड़े धार्मिक एवं सत्यप्रतिज्ञ थे। उनके पास प्रचुर धन था। वे… महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी-हर्ष नारायण दासRead more
अपनी माटी-कुमारी निरुपमा
अपनी माटी आरुणि के प्रश्नों का जवाब देते देते-देते उसके पापा कभी-कभी झुंझला कर उसे चुप भी करा देते थे। आज आरुणि पापा और कपिल… अपनी माटी-कुमारी निरुपमाRead more
भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समर
भोलवा का कुर्ता उसने आंख खोलकर एक बार देखा और फिर अपनी फटी कम्बल खींच ली। सर्दी आज भी बहुत अधिक थी। मगर तभी उसकी… भोलवा का कुर्ता-चाँदनी समरRead more
समझू-विजय सिंह नीलकण्ठ
समझू मे आई कम इन सर? समझू ने वर्ग कक्ष के दरवाजे पर खड़े होकर वर्ग शिक्षक से पूछा। हॉं-हॉं आईए, आईए, आप ही का… समझू-विजय सिंह नीलकण्ठRead more
असली बेटा-धीरज कुमार
असली बेटा सुबह के लगभग 9:00 बज रहे होंगे। गुप्ता जी बाजार से सब्जी लेकर आए थे और थके हुए पंखे के नीचे बैठकर हवा… असली बेटा-धीरज कुमारRead more
मित्रता का मान-कुमारी निरुपमा
मित्रता का मान विद्यालय में “कृष्ण और सुदामा” नाटक का मंचन किया जाना था। वर्ग सात के अंग्रेजी के किताब का एक लेशन जब से… मित्रता का मान-कुमारी निरुपमाRead more
कभी हार मत मानो-निधि चौधरी
कभी हार मत मानो कनक मध्यम वर्गीय परिवार की एक 10 साल की लड़की है। एक दिन वह अपनी माँ के हाथों बनी आलू के… कभी हार मत मानो-निधि चौधरीRead more
सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टि
सत्कर्म का फल एक दिन अंबर नाम का ग्वाला सुबह दूध लेकर बेचने को निकला। वह दूध बेचकर घर की ओर लौट रहा था कि… सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टिRead more