स्वतंत्रता दिवस पर रचनात्मक निबन्ध स्वतंत्रता दिवस, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हम अपनी आजादी की 77वीं वर्षगांठ मनाते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि… स्वतंत्रता दिवस पर रचनात्मक निबन्ध-राजेश कुमार सिंहRead more
विश्वगुरु भारत – मुकेश कुमार मृदुल
आलेख विश्वगुरु भारत मुकेश कुमार मृदुल हमारा देश भारत, विविध संपदाओं से परिपूर्ण एक ऐसा गौरवशाली राष्ट्र है, जिसके आगे दुनिया नतमस्तक है। इसके संबंध में जर्मनी के विश्वविख्यात विद्वान… विश्वगुरु भारत – मुकेश कुमार मृदुलRead more
ABOUT INDEPENDENCE DAY- NOORI FATMA
• Importance of Independence Day and the struggle behind it! Independence Day means day of freedom. This day was our day of independence. On this day, our country India got… ABOUT INDEPENDENCE DAY- NOORI FATMARead more
अमृता की पेंटिंग- अदिति भूषण
अमृता गाँव की सबसे होशियार और मेहनती लड़की थी। उसकी आँखों में हमेशा एक विशेष चमक रहती थी, जैसे वह कुछ बड़ा करना चाहती हो। उसके दिल में अपने देश… अमृता की पेंटिंग- अदिति भूषणRead more
स्वामी विवेकानंद के संदेश उपयोगी व ग्राह्य- गिरीन्द्र मोहन झा
स्वामी विवेकानंद का आज निर्वाण दिवस है। आज ही के दिन 4 जुलाई, 1902 को उन्होंने अपने देह का त्याग कर दिया । आज के दिन छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के… स्वामी विवेकानंद के संदेश उपयोगी व ग्राह्य- गिरीन्द्र मोहन झाRead more
कर्म और विचार- गिरीन्द्र मोहन झा
कहना कठिन है, कर्म पहले आया अथवा विचार? रामायण के किष्किन्धाकाण्ड में केवल विचार है, तो परिणाम कुछ नहीं, लंकाकाण्ड या युद्धकाण्ड में केवल कर्म है, तो परिणाम में पतन… कर्म और विचार- गिरीन्द्र मोहन झाRead more
शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम् -गिरीन्द्र मोहन झा
रावण के द्वारा दी गयी शिक्षा शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम्(शुभ कार्य जब मन में आए तो उसे शीघ्र कर लो, अशुभ जब मन में आए तो उसे टालते चले जाओ।)… शुभस्य शीघ्रं अशुभस्य कालहरणम् -गिरीन्द्र मोहन झाRead more
योग बिना जीवन बेकार-शशिकान्त वर्मा
योग बिना जीवन बेकार युग-युग की यही पुकार, योग बिना जीवन बेकार। जो नहीं योग करता, दिन-प्रतिदिन रोग गढ़ता। मोटापा, बीपी, शुगर, इससे वह नही बचता।। समय मिले न घड़ी… योग बिना जीवन बेकार-शशिकान्त वर्माRead more
“योग “मनुष्य मात्र का जीवन लक्ष्य – रौशन वर्मा
जन ‐जन के मन में , प्रज्जवलित हो दीप योग का । रहे रोग -मुक्त मानव-समाज और कल्याण हो विश्व का । तन निरोगी, मन निरोगी, आत्मा का कण-कण निरोगी… “योग “मनुष्य मात्र का जीवन लक्ष्य – रौशन वर्माRead more
एक चक्कर मे योग की समझ
भभुआ शहर में एक प्राथमिक विद्यालय में विकास कुमार और कृष्ण कुमार नाम के दो शिक्षक पढ़ाते थे।दोनो की उम्र लगभग समान ही थी। कृष्ण कुमार हमेशा खुश रहते थे… एक चक्कर मे योग की समझRead more