पाई अनुमोदन दिवस होड़ मची संख्याओं के बीच, है कौन सबसे महान। किसकी पूजा हो पहले, किसकी हो पहले पहचान।। सब अपनी करते थे बड़ाई, फिर उनमें हो गई… पाई अनुमोदन दिवस-नसीम अख्तरRead more
छुआछूत-मनु कुमारी
छुआछूत कुछ दिन पहले मधु की शादी हुई थी। कल हीं रात वह शेखर के साथ ससुराल आई थी। आज ससुराल में उसकी पहली होली… छुआछूत-मनु कुमारीRead more
कृष्णा का आग्रह-आँचल शरण
कृष्णा का आग्रह रविवार का दिन था “कृष्णा” के घर वाले घर की सफाई में लगे हुए थे और उसका छोटा भाई बाजार से कुछ… कृष्णा का आग्रह-आँचल शरणRead more
जुनून-अरविंद कुमार
जुनून शाम के 4 बज रहे थे, जवाहर उच्च विद्यालय भरगामा के मैदान पर भरगामा क्रिकेट टीम के खिलाड़ी क्रिकेट खेल रहे थे। हर रोज की तरह आज भी किशन… जुनून-अरविंद कुमारRead more
गलती से मिली सीख-आँचल शरण
गलती से मिली सीख एक दिन मैं लंच के समय अपने विद्यालय के बाहर बरामदे पर बैठ कर कुछ प्रशासनिक कार्य कर रही थी तभी वहाँ एक 15-16 साल… गलती से मिली सीख-आँचल शरणRead more
जानवरों का न्यायालय-रीना कुमारी
जानवरों का न्यायालय एक जंगल था। उसमें सभी जानवर प्रेम पूर्वक रहते थे। जंगल के बीच में जानवरों द्वारा एक न्यायालय खोला गया जिसका नाम जानवर न्यायालय रखा गया। बंदर… जानवरों का न्यायालय-रीना कुमारीRead more
परिश्रम का फल-नूतन कुमारी
परिश्रम का फल अनिल और सुनील दो दोस्त थे। दोनों जंगल में रहते थे। वे दोनों शहद का छत्ता तोड़कर और जंगल से लकड़ियाँ काटकर शहर में बेचते थे। शहद… परिश्रम का फल-नूतन कुमारीRead more
जंगल में आग-अशोक कुमार
जंगल मे आग एक समय की बात है। जंगल में सभी जानवर अमन चैन से रह रहे थे। सुबह का समय था खरहा ने देखा कि जंगल में धुआँ उठ… जंगल में आग-अशोक कुमारRead more
पूर्णिमा-विजय सिंह “नीलकण्ठ”
पूर्णिमा बहुत समय पहले की बात है। किसी गाँव में माधो नाम का एक किसान रहता था जिसको एक पुत्री थी पूर्णिमा। चुँकी बच्ची… पूर्णिमा-विजय सिंह “नीलकण्ठ”Read more
संत रविदास – डॉ पुनम कुमारी
संत शिरोमणि रविदास रामानंद के शिष्य परंपरा के एक ऐसे कवि थे जिनमें निर्गुण भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी। हिंदी भक्ति कालीन साहित्य में निर्गुण धारा के कवि… संत रविदास – डॉ पुनम कुमारीRead more