दीदी,जल्दी से राखी बाँधो, तभी न मैं तुम्हारी हर मुसीबत से रक्षा करूँगा। दस वर्षीय सोनू ने अपनी पंद्रह वर्षीय बहन नेहा से ये बात कही तो नेहा ने चिढ़ते हुए कहा,पहले खुद की रक्षा करो,तब मेरी रक्षा करना।
बड़ा आया मेरी रक्षा करने।
तभी दोनों बच्चों की मम्मी ने कहा,बेटा, गुस्सा क्यों हो रही हो,राखी भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है और भाई की कलाई पर राखी बांध बहन भाई से अपनी रक्षा का वचन लेती है।
नेहा ने कहा, मगर माँ यह तो मुझसे छोटा है यह मेरी क्या रक्षा करेगा?
माँ ने कहा, भाई हर स्त्री का सम्मान करेगा और किसी दूसरी स्त्री को बुरी नियत से नही देखेगा यही वचन अगर हर भाई ले तो कोई भी बहन मुश्किल में नही पड़ेगी।
तब नेहा ने कहा, “ठीक कहती हो मॉं।”
और सोनू की तरफ मुड़ते हुए कहा चलो राखी बाँध रही हूँ और मुझे वचन दो दूसरी लड़की के सम्मान की रक्षा अपनी बहन के सम्मान की तरह ही करोगे।
सोनू ने कहा,बिल्कुल दीदी। और इस तरह मुस्कुराते हुए दोनों भाई बहन एक दूसरे के गले लग गए।
रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ गुठनी सिवान