Super special day
सीमा के कपड़े में लाल रंग के लगे दाग को देखते ही दादी जोर से चिल्लाई ।अरे रे रे रुको किसी भी सामान को हाथ मत लगाना,बहू सीमा को अलग कमरे में लेकर जाओ। सीमा को लगा कि उसने क्या अपराध कर दिया है, उसे तो मालूम ही न था कि उसे माहवारी हुआ है। एक ही कमरे में पड़ी-पड़ी सीमा उदास रहने लगी। उसे लगा कि शायद उसे कोई भयंकर बीमारी हो गई है जिससे उसे अलग कर दिया गया ।कोई भी उससे बात नहीं करता, दूर से ही खाना दे दिया जाता। पूरे एक सप्ताह के बाद उसे स्नान करा दूसरे कमरे में लाया गया लेकिन सीमा अंदर ही अंदर टूट गई थी जिस वजह से वह बीमार रहने लगी। किसी से बात भी नहीं करती इधर उसके विद्यालय में वर्ग शिक्षिका ने उसकी सहेली से पूछा कि सीमा विद्यालय क्यों नहीं आ रही कुछ मालूम है तुम लोगों को । बच्चों ने कहा सीमा की तबीयत खराब है जिसके कारण वह विद्यालय नहीं आ रही । फिर मैडम शाम को सीमा को देखने उसके घर गई तो देखा कि सीमा बिछावन पर अकेली लेटी हुई है डरी-डरी और सहमी-सहमी सी है ,मैडम ने उसकी मां से पूछा क्या हुआ है सीमा को। उसकी मां ने कहा पता नहीं माहवारी हुआ था उसके बाद से ही बीमार हो गई है कुछ नहीं बोलती किसी से । मैडम ने बड़े प्यार से सीमा के सर पर हाथ फेरा और उससे कहा कि तुम विद्यालय नहीं जाओगी तुम्हारी पढ़ाई कितनी पीछे छूट गई है। मैं हूं ना, तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी । मैडम को देखकर सीमा रोने लगी, उसे थोड़ी हिम्मत मिली ,उसने हां कह दिया। दूसरे दिन कक्षा में सीमा ने एक लड़की के कपड़े में लाल दाग देखा तो बहुत घबरा गई पर तुरंत ही मैडम की नजर उसपर पड़ी। मैडम ने बड़े प्यार से सीमा से किसी तरह सारी बात पूछी। जब मैडम को सच्चाई पता चली तो मैडम भी सोच में पड़ गई, अभी भी दुनिया में लोग अंधविश्वास से जुड़े हुए हैं । मैडम सभी बच्चों के सामने माहवारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह माहवारी प्रत्येक लड़कियों में 10 साल की उम्र से शुरू होता है । किसी-किसी लड़कियों में हार्मोन की तीव्र गति रहने के कारण यह 9 साल में भी प्रारंभ हो जाता है। यह साल के प्रत्येक महीने होता है। इसका चक्र 28 दिन का होता है, प्रत्येक महीने में लगभग 5 दिनों तक रहता है । इन 5 दिनों में शरीर से गंदे रक्त बाहर निकल जाते हैं, थोड़ी कमजोरी रहती है । यह महिलाओं की एक स्वाभाविक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसमें साफ सफाई का ज्यादा ध्यान दिया जाता है । हमें साफ कपड़े या कॉटन व्यवहार करने चाहिए। साबुन और डेटॉल का इस्तेमाल करना चाहिए। नहीं तो इंफेक्शन होने का डर रहता है, अपने शरीर के हर अंगों की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। समझे कि नहीं, मैडम ने पूछा -सीमा अब तो तुम ठीक हो ना क्या अब भी डर लग रहा है तुम्हें ।सीमा मुस्कुराई पर उसके मन में अभी भी प्रश्न थे, जो मैडम समझ गई । मैडम ने कहा कल सभी बच्चे अपने अपने माता-पिता को विद्यालय लेकर आएंगे मैंने अभिभावक गोष्ठी रखा है । दूसरे दिन सभी शिक्षक और शिक्षिका अभिभावक और बच्चे सभी की एक साथ गोष्टी रखी गई, जिसमें सीमा के साथ हुए छुआछूत जैसा व्यवहार पर भी चर्चा की गई । मैडम ने उन सबों को माहवारी को लेकर पुरानी रीति रिवाज अंधविश्वास जैसी कुरिती से दूर किया तथा सबों को समझाया कि आप सभी अपनी लड़कियों को प्यार देने के बजाय कुंठित कर रहे हैं ।बच्चों के हंसते- खेलते जीवन पर माहवारी को हावी कर रहे हैं।डर का माहौल अपने घर में ना पैदा करें , जैसा सीमा के साथ हुआ ऐसा किसी के साथ भी ना हो ।बच्चों के झिझक को दूर करें ,मैडम ने फिर विश्व स्वच्छता माहवारी दिवस पर भी चर्चा की ।उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में 28 मई को यह दिवस मनाया जाता है, लेकिन मैं आज से अपने विद्यालय में भी माहवारी को दिवस के रूप में मनाऊगी।जैसे हम जन्मदिन मनाते हैं, विद्यालय में उसी तरह माहवारी दिन भी मनाएंगे ।जिसका नाम रहेगा super special day। अब जिस भी लड़कियों का माहवारी का दिन चलेगा उसे super special day का खिताब और तोहफा दिया जाएगा। इसके लिए उसे एक फूल, एक पौधा और चॉकलेट तोहफा में मिलेगा ।मैडम के इस फैसले से सभी अभिभावक और शिक्षक और बच्चे बहुत खुश थे अंत में फिर मैडम ने कहा कि लेकिन 28 मई को हम सभी मिलकर विश्व स्वच्छता माहवारी दिवस भी मनाएंगे।
लवली कुमारी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूपनगर
बारसोई,कटिहार
Super special day-Lovely Kumari
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