जल जीवन हरियाली : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या

आज छुट्टी का दिन था, सुरेश सुबह के नाश्ते के बाद बालकनी में चाय की चुस्की ले रहा था । तभी मां का फोन आया। मां ने बताया कि मुन्ना… जल जीवन हरियाली : डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्याRead more

असली तोहफा : रूचिका

विद्यालय में उत्सव का माहौल था।बच्चे शिक्षक दिवस की तैयारियों में लगें थें। कहीं कुछ बच्चे गुब्बारे में हवा भर रहे थे तो कहीं बच्चे रंगोली बना रहे थे। एक… असली तोहफा : रूचिकाRead more

दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमार

बचपन में रामू महतो और मनोहर सिंह के बीच दांत कटी दोस्ती थी, ना जात का बंधन ना अमीरी का रोब प्राथमिक विद्यालय भरगामा में दोनों साथ पढ़ते थे। उस… दो टुकड़े वाली नोट : अरविंद कुमारRead more

उद्धार : अरविंद कुमार

” राम..नाम..सत्य..है,सब.. का..यही.. गत..है.राम..नाम…सत्य..है..सब ..का ..यही ..गत .है ” के नारे के साथ रंगीन कागज से सजी भागवत दास की अर्थी आगे-आगे चल रही थी । पीछे से टोले के… उद्धार : अरविंद कुमारRead more

साहसी अनीश : सुमोना रिंकू घोष

अनीश के पिता फॉल्टि मंडल गुजरात में एक नमक की फैक्ट्री में काम करते हैं वहां वे मजदूरी करते हैं ।अनीश की मां एक ग्रहणी है जो कुशलता पूर्वक अपना… साहसी अनीश : सुमोना रिंकू घोषRead more

पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरव

बचपन में कोई सिखाता नहीं कि झूठ बोलना बुरा है, पर जब बोलते हैं और पकड़े जाते हैं – तभी असल शिक्षा मिलती है।मुझे याद है – वह मेरी तीसरी… पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरवRead more

बचपन और उसकी यादें : रूचिका

बचपन और उसकी यादें जब भी जेहन में आ जाती हैं तो होठों पर बरबस ही मुस्कान चली आती हैं।बचपन के दिनों में गर्मी की छुट्टियों का वर्षभर बेसब्री से… बचपन और उसकी यादें : रूचिकाRead more

एक बेटी की उड़ान : सुरेश कुमार गौरव

गौरी को जब पहली बार आसमान में उड़ते हवाई जहाज़ को देखने का मौका मिला, वह बस चुपचाप उसे देखती रही। उसकी माँ ने पूछा – “क्या सोच रही है… एक बेटी की उड़ान : सुरेश कुमार गौरवRead more

बबली की पाठशाला : मो. ज़ाहिद हुसैन

संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-1( प्रथम पाठशाला) बच्चे जब पैदा होते हैं तो वे नये परिवेश में रोते हैं। मां जब उसके मुंह से स्तन को लगाती है तो वे स्वतःस्फूर्त… बबली की पाठशाला : मो. ज़ाहिद हुसैनRead more

असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरव

रवि एक मेहनती लेकिन साधारण छात्र था। माध्यमिक की परीक्षा में असफल होने के बाद उसकी दुनिया जैसे अंधकारमय हो गई थी। समाज के ताने, रिश्तेदारों की उपेक्षा और दोस्तों… असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरवRead more