प्राकृति का ख्याल-भोला प्रसाद शर्मा

प्राकृति का ख्याल           कोरोना एक जंग है। आप सभी महानुभावों, मेरे भाईयों एवं मेरी दीदी जी! आपको समझाने की आवश्यकता ही नहीं है। आप मुझे… प्राकृति का ख्याल-भोला प्रसाद शर्माRead more

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त्याग और बलिदान-भोला प्रसाद शर्मा

त्याग और बलिदान (यह कथा विद्यालय सम्बंधित है जिसमें  श्यामपट, चॉक और डस्टर आपस में वार्तालाप करते हैं।) श्यामपट: नमस्कार भाई साहेब नमस्कार। चॉक: नमस्कार! नमस्कार!कहिये जनाब कैसे बीत रहा… त्याग और बलिदान-भोला प्रसाद शर्माRead more

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समयनिष्ठता-भोला प्रसाद शर्मा

समयनिष्ठता           कुछ दिन पहले की बात है कि मेरा एक साथी अपनी पत्नी के साथ स्नातक की परीक्षा देने जा रहे थे। दोनों मस्ती में… समयनिष्ठता-भोला प्रसाद शर्माRead more

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बापू की कहानी दादा जी की जुबानी-भोला प्रसाद शर्मा

बापू की कहनी दादा की जुबानी दादा जी, प्रणाम! खुश रहो लल्ला, खुश रहो। क्या हाल समचार है दादा जी आपसे मिले तो बहुते दिन हो गया। समझ में नहीं… बापू की कहानी दादा जी की जुबानी-भोला प्रसाद शर्माRead more

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