एक चक्कर मे योग की समझ

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भभुआ शहर में एक प्राथमिक विद्यालय में विकास कुमार और कृष्ण कुमार नाम के दो शिक्षक पढ़ाते थे।दोनो की उम्र लगभग समान ही थी।

कृष्ण कुमार हमेशा खुश रहते थे और हमेशा सक्रिय रूप से विद्यालय मे अपना कार्य करते थे।

इधर विकास कुमार हमेशा सुस्त रहते थे। वे प्राय: मेहनत वाले कार्य से बचना चाहते थे।

 

एक दिन लंच टाइम में शिक्षको के बीच वार्तालाप में विकास कुमार ने कृष्ण कुमार जी की चुटकी लेते हुए पूछ ही लिया की सर आप तो हमेशा फ्रेश लगते है और मन लगा कर काम करते है।

इस पर कृष्ण कुमार ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया की सर इसके लिए मैं जो करता हूं ना,आप वो नही करते है।

विकास कुमार थोड़े चिढ़ गए और बोले कौन सा काम है जो आप करते है और मैं नही करता हूं।

 

उनकी बातो को अन्य शिक्षक सुन रहे थे।तभी एक शिक्षक ने हंसते हुए कहा की – क्यों न इसी बात पर एक गेम हो जाए? हम लोग भी देख लेते है की कौन क्या करता है और क्या नहीं करता है?

इस पर प्रतिष्ठा की बात आने पर दोनो राजी हो गए।

दूसरे शिक्षक में कहा की ज्यादा नहीं स्कूल ग्राउंड के दो चक्कर लगा कर 10 बार उठक बैठक कम समय में जो कर लेगा वो विजेता होगा।

दोनो तैयार तो हो गए मगर ये क्या कृष्ण कुमार आसानी से चक्कर लगा कर जल्द से उठक बैठक भी कर लिए,इधर विकास जी का हालत खराब हो गया।वो एक चक्कर पूरा करने में ही हांफ गए।

और मुझसे नहीं होगा बोलने लगे।

थोड़े देर रिलेक्स के बाद उन्होने माना की कृष्ण कुमार वाकई सक्रिय है।उन्होंने पूछा की इसका क्या राज है की आप तंदुरुस्त है?

 

कृष्ण कुमार ने कहा की कुछ राज नही है।आप भी यदि अभी से सुबह – सुबह उठ कर टहलना और योग करना शुरू कर दे तो धीरे – धीरे आप भी सक्रिय रहेंगे और तंदुरुस्त भी रहेंगे।योग करने के एक नही हजार फायदे हैं।योग की महता को पूरा विश्व मानता है और आप भी जानते है की 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।

 

बस – बस अब मैं समझ गया – ऐसा बात रोकते हुए विकास कुमार बोले।

अब से मैं भी आपके साथ सुबह टहलते हुए योग करूंगा।

आप मुझे सिखाएंगे न योग।

हां हां क्यों नहीं।ये भी पूछने की बात हैं।

फिर अगले सुबह से दोनो योग करते हुए देखे गए।

 

 

स्वरचित

धीरज कुमार(शिक्षक)

  1. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलौटा

भभुआ , कैमूर, बिहार

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