बहुत ही सुन्दर गाँव था। गाँव में काफी खूबसूरत वातावरण था। कल कल करती नदियाँ बह रही थी। हरे-भरे पेड़ पथिकों को चिलचिलाती गर्मी से राहत दिया करते थे। खेतों… मौन प्रेम -कंचन प्रभाRead more
Author: Anupama Priyadarshini
सबक – रेवती रानी
एक लड़का, नाम था किसन। माँ का बहुत ही दुलारा था इसलिए बहुत ही शरारती था। उसकी उम्र पाँच वर्ष थी। हमेशा वह कुछ न कुछ गड़बड़ी करते रहता था।… सबक – रेवती रानीRead more
राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारी
(राजू नहाते हुए) माँ-माँनल से पानी नहीं आ रहा है! माँ- क्यों?नल को ठीक से खोलो।राजू- माँ नल खुला हुआ है। माँ- अरे तो फिर पानी क्यों नहीं आ रहा… राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारीRead more
मैजिक का भ्रम -मीरा सिंह
अंशु कक्षा पांच का छात्र था। पढ़ाई में वह बहुत तेज था। परंतु इधर कुछ दिनों से वह खेल में ज्यादा रुचि लेने लगा था।इस बदलाव से उसके माता-पिता बहुत… मैजिक का भ्रम -मीरा सिंहRead more
अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारी
रिशु जो दस साल का एक बालक था, स्वभाव से काफी शरारती था। रिशु को खाने-पीने में काफी नखरा था। कभी भी वो खाना अच्छी तरह से नहीं खाता था।… अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारीRead more
धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शी
रमिया और टुनका दहाड़ें मार कर रो रहे थे। रोते भी क्यों नहीं, जिगर का एक ही तो टुकड़ा था जिसे गंगा मैया ने अपने ओद्र में समा लिया था।टुनका… धरती रो पड़ेगी – संजीव प्रियदर्शीRead more
हिन्दी भारत की शान
हिन्दी सबकी शान है, सभी करें सम्मान।भाषा है प्यारी सुघड़, सरल सुगम गुण खान।।वस्तुत: हिन्दी भारत की शान है। इसकी भाषा सुघड़ (सुन्दर) और प्यारी है ही, सरल, सुगम तथा… हिन्दी भारत की शानRead more
संत रविदास – डॉ पुनम कुमारी
संत शिरोमणि रविदास रामानंद के शिष्य परंपरा के एक ऐसे कवि थे जिनमें निर्गुण भक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी। हिंदी भक्ति कालीन साहित्य में निर्गुण धारा के कवि… संत रविदास – डॉ पुनम कुमारीRead more