हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन और वैश्विक रूप ने रोजगार की अनेक संभावनाओं को उजागर किया है। विविध क्षेत्रों में इसकी स्वीकृति और… हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बरRead more
Category: शैक्षणिक
पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरव
इस लेख को तैयार करने के बाद ज्ञात हुआ कि विश्व में लगभग तीन ट्रिलियन से अधिक पेड़ हैं। लेकिन सभ्यता की शुरुआत के बाद से मनुष्यों द्वारा 47% पेड़ों… पेड़-पौधों में भारत विश्व में दसवें स्थान पर-सुरेश कुमार गौरवRead more
सम्राट अशोक मौर्य : युद्ध से धम्म तक की यात्रा- सुरेश कुमार गौरव
भारतवर्ष के इतिहास में जब भी एक ऐसे सम्राट की चर्चा होती है जिसने केवल तलवार की धार से नहीं, बल्कि करुणा, शांति और नैतिकता के मूल्यों से सम्पूर्ण राष्ट्र… सम्राट अशोक मौर्य : युद्ध से धम्म तक की यात्रा- सुरेश कुमार गौरवRead more
बच्चों की होली- लवली कुमारी
अरे मुझे नहीं देखो -देखो इसे लगाओमोहन ,राजा, मीना ,गीता आज विधालय में बहुत मस्ती कर रहे थे। क्योंकि कल होली जो है।सभी बच्चे एक -दूसरे को रंग,अबीर लगा कर… बच्चों की होली- लवली कुमारीRead more
पगला है- संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा सनोज दास जिस दिन नौकरी में आये,उस दिन उनके हिस्से की ऊपरी कमाई ढ़ाई सौ रुपये बनती थी।साथी अहलकार ईमानदार थे,सो बड़ा बाबू रुपये बढ़ाते हुए बोले-‘ देखिए सनोज… पगला है- संजीव प्रियदर्शीRead more
जूठा-श्री विमल कुमार “विनोद”
ओपनिंग दृश्य-विवाह स्थल का दृश्य।(ठाकुर कामेश्वर सिंह के यहाँ उनकी बेटी की शादी है,बाराती को भोजन कराया जा रहा है।उसी समय बिसेसरा नामक व्यक्ति पंगत में भोज खाने बैठ जाता… जूठा-श्री विमल कुमार “विनोद”Read more
बाल-अधिकार- श्री विमल कुमार”विनोद”
ओपनिंग दृश्य-(एक शिक्षक जो कि गाँव के विद्यालय में कार्यरत है,जो कि ग्रामीण को अपने बच्चों को पढ़ने के लिये जाने को कहते हैं)शिक्षक-बहन जी,आपलोग अपने बच्चे-बच्चियों को विद्यालय पढ़ने… बाल-अधिकार- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more
गरीबी की कब्र पर पनपी हँसी-श्री विमल कुमार” विनोद”
एक बड़े शहर के चंराहे पर सुबह के 10 बजे एक चमचमाती हुई कार ट्रैफिक पर आकर लगती है।उसी समय एक लड़की जो कि फटी हुई सलवार तथा पायजामा पहनी… गरीबी की कब्र पर पनपी हँसी-श्री विमल कुमार” विनोद”Read more
मैजिक का भ्रम -मीरा सिंह
अंशु कक्षा पांच का छात्र था। पढ़ाई में वह बहुत तेज था। परंतु इधर कुछ दिनों से वह खेल में ज्यादा रुचि लेने लगा था।इस बदलाव से उसके माता-पिता बहुत… मैजिक का भ्रम -मीरा सिंहRead more
अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारी
रिशु जो दस साल का एक बालक था, स्वभाव से काफी शरारती था। रिशु को खाने-पीने में काफी नखरा था। कभी भी वो खाना अच्छी तरह से नहीं खाता था।… अन्न का महत्व – कुमकुम कुमारीRead more