आजादी छोटू की-लवली कुमारी

भोंदू – भोंदू यह आवाज विधालय के बच्चों की ओर से आ रही थी , छोटू के लिए । छोटू जो एक नीचे जाति का बच्चा था, सभी उसे देखकर… आजादी छोटू की-लवली कुमारीRead more

गणवेश- मनोज कुमार

गणवेश; यह वह आवरण है जो हमारी कई पृष्टभूमि को ओझल कर देती है। यह हमारी ज्ञान रूपी गाड़ी को पटरी पर सीधे दौड़ने के लिए आधार प्रदान करती है।… गणवेश- मनोज कुमारRead more

सहपाठी का हृदय परिवर्तन (संस्मरण)
सुरेश कुमार गौरव

बात उस समय की है जब मैं दस वर्ष का था। और 1978 का साल था। तब मैं पंचम वर्ग में पढ़ता था। जहां तक मुझे याद है मेरे वर्ग… सहपाठी का हृदय परिवर्तन (संस्मरण)
सुरेश कुमार गौरव
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मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोद

जीवन की वास्तविकता पर आधारितश्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।सोहन नामक एक छोटा सा बालक जो कि परिवार का एकलौता,दुलारा पोता है।परिवार में पोता के आगमन होने के कारण घर के सभी… मैं नालायक नहीं- श्री विमल कुमार”विनोदRead more

सच्ची घटना- दया शंकर गुप्ता

शाम के 7 बजे होंगे, अंश की माँ खाना बनाकर जब बाहर के रूम में बच्चों के पास आई तो देखी कि सबसे छोटा लड़का नहीं है। उसने अंश से… सच्ची घटना- दया शंकर गुप्ताRead more

जीवन-संगिनी–श्री विमल कुमार “विनोद”

संक्षिप्त सार-एक छोटा सा बालक जिसका नाम रामू है कि कहानी जो कि अभी अपनी शैशवावस्था की चहारदीवारी भी पार नहीं कर पाया था कि बदनसीबी ने इसे अपनी जाल… जीवन-संगिनी–श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

तबाही-श्री विमल कुमार “विनोद”

कास्टिंग सीन-बचाओ,बचाओ,अरे कोई तो बचाओ,बचने का कोई भी उपाय तो बताओ।चारों ओर तबाही ही तबाही नजर आ रही है।(नेपथ्य से आश्चर्य पूर्वक )तबाही ,अरे किस बात की तबाही।बताओ,बताओ।बचाओ,बचाओ कोरोना से… तबाही-श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

जीवन की दुर्दशा”-श्री विमल कुमार “विनोद”

एक छोटा सा बालक एक अमीर के घर में जन्म लेता है।जन्म के बाद सबसे पहले उसका नामकरण एक ज्ञानी पंडित जी के द्वारा कराया जाता है।पंडित जी उसका नाम… जीवन की दुर्दशा”-श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

“औघड़”- ,पार्ट-02- श्री विमल कुमार “विनोद”

संक्षिप्त सार-महेश एक साधारण गरीब परिवार का लड़का जो कि गणित से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने के बाद लगातार नौकरी की तलाशी में रहता है लेकिन रोजगार नहीं प्राप्त… “औघड़”- ,पार्ट-02- श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

चुड़ैल का डर- श्री विमल कुमार” विनोद”

सामाजिक अंधविश्वास पर आधारित श्री विमल कुमार” विनोद” लिखित लघुकथा।यह लघुकथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र का है जहाँ पर गाँव के छोर में एक विशालकाय वट वृक्ष है,जहाँ पर गाँव की… चुड़ैल का डर- श्री विमल कुमार” विनोद”Read more