सकारात्मकता एक शक्ति है
सकारात्मक विचार हमारे शरीर के अंदर एक ऐसी ऊर्जा का संचार करती है, जो हमें किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। सकारात्मक विचार हमारे अंदर निम्नांकित गुणों का विकास करती है–
1) सामना करने की शक्ति
2) सहनशक्ति
3) साक्षी दृष्टा बनने की शक्ति
4) क्षमा करने की शक्ति
5) सदा आनंदित रहने की शक्ति
6) तनाव मुक्त रहने की शक्ति
7) वातावरण को खुशनुमा बनाने की शक्ति
8) सहयोग की शक्ति
9) प्रदर्शन से बचाव की शक्ति
10) सदा संतुष्ट रहने की शक्ति
11) खुशहाल जीवन जीने की शक्ति
12) निस्वार्थ प्रेम करने की शक्ति,
इत्यादि।
सकारात्मक विचार अपनाते ही हमारे अंदर स्वतः ही इन सारी शक्तियों का विकास होने लगता है जिससे हम एक सशक्त महारथी बनकर जीवन में आने वाले सभी समस्याओं का सामना करने के योग्य बन जाते हैं। सामना करने का यह अर्थ कतई नहीं होता कि हम सामने वाले से लड़ना-झगड़ना, तर्क करना शुरू कर दें, सामना करना माना स्वयं साक्षी दृष्टा बन सामने वाले की मनः स्थिति को समझकर उसे क्षमा कर देना और स्वयं पर उसकी परिस्थिति का उसके स्वभाव का प्रभाव भी न पड़ने देना।
इस प्रकार हमारे अंदर सहन शक्ति और क्षमा करने की शक्ति का विकास होने लगता है।
इन दोनों गुणों के विकसित होने से हमारे अंदर स्वतः ही आनंदित रहने की शक्ति पनपने लगती है क्योंकि हम दूसरों के प्रभाव में नहीं आते उसे क्षमा कर देते हैं। उसकी बातों को सहन कर लेते हैं, जिससे हमारे अंदर कोई निराशा का भाव हीन भाव नहीं आता।
जब हम आनंदित होते हैं तो हमारे आस-पास का वातावरण भी खुशनुमा बन जाता है और हमारा जीवन भी खुशहाल बन जाता है। हम प्रदर्शन करना छोड़ देते हैं। प्रदर्शन माना दूसरों के जीवन को, उनकी प्राप्तियों को देखकर स्वयं को हीन समझना या ईर्ष्या करना। इस प्रकार ईर्ष्या, द्वेष, हीन भावना जैसी बुराइयों से बचकर हमारे अंदर सबके प्रति सहयोग की भावना जागृत होती है।
एक दूसरे को सहयोग करके हमारे अंदर प्रेम की भावना जागृत होती है। निःस्वार्थ प्रेम की भावना जो सिर्फ देना जानती हो लेना नहीं और जब हम देने लगते हैं तो हम अपने जीवन में संतुष्ट हो जाते हैं क्योंकि देना ही लेना है। जब हम किसी को प्यार, सम्मान, आदर, सहयोग देते हैं तो स्वतः ही हमें मिलने लगता है और हम तनाव मुक्त हो खुशहाल जीवन जीने के लिए अग्रसर हो जाते हैं।
अपने इन गुणों और शक्तियों के कारण हम सभी के प्रिय और प्रभु प्रिय आत्मा बन जाते हैं। इतना ही नहीं सकारात्मक विचार हमारे हाथों में अपने भाग्य को लिखने की शक्ति प्रदान करती है क्योंकि सकारात्मक विचारों से हमारे संकल्प बदलते हैं और संकल्पों में वह शक्ति है जो हमारे भाग्य को परिवर्तित कर सकती है।
तो आएँ हम सब अपने विचारों को सकारात्मक बनाएँ, जीवन को खुशहाल बनाएँ साथ-साथ आस-पास के वातावरण को खुशहाल बनाकर पूरे समाज को खुशहाल बनाएँ।
नाम – मधुमिता ✍️✍️
विद्यालय – मध्य विद्यालय सिमलिया
प्रखंड – बायसी
जिला – पूर्णिया (बिहार)
बहुत उत्कृष्ट लेखनी हैं आपकी दी👌👌
Very nice
Dhanyavad priyanka aur Rina Bhabhi…aap dono ko
बेहद उत्कृष्ट और प्रेरणादायक रचना मेम 👌👌👌👌👌👌👌
बहुत ही अच्छी सोच
Bahut achhi baat👌👌👌👍👍
सकारात्मकता का स्वयं में संचार के लिए प्रेरित करती हुई आपकी विवेचना सारगर्भित है। इसी प्रकार अपने अंदर की सकारात्मक ऊर्जा को रचना एवं आलेख के द्वारा प्रसारित करते रहें। 💐💐
सकरात्मक्ता एक शक्ति है प्रेरणादायक एवं बहुत ही उत्कृष्ट रचना है आपकी मधुमिता जी ।👌👌
सकारात्मक सोच से व्यक्ति अपने को स्वस्थ तो रखता ही है साथ साथ दूसरों के लिए भी आदर्श बन जाता है।
Aap Sabhi ko sahriday dhanyavad