बचपन में माता-पिता से किसे प्यार नहीं होता परन्तु जब बालक वयस्क बन जाता है और उसकी शादी हो जाती है तब विरले ही ऐसे संतान होते हैं जो माता-पिता… कृतघ्नता – अमरनाथ त्रिवेदीRead more
Category: लघुकथा
परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदी
अमीर लोगों को लगता है कि मैं बड़ा हूँ। अधिक पढ़े लिखे लोगों को लगता है कि मैं किसी से कम नहीं, परन्तु दिलचस्प बात यह है कि दरअसल बड़ा… परोपकार का प्रतिफल – अमरनाथ त्रिवेदीRead more
विश्वास जीतने का प्रतिफल- अमरनाथ त्रिवेदी
जब विश्वास की डोर एक दूसरे के साथ बँधती है तब एक दूसरे के साथ कार्य करने की नयी संस्कृति का सृजन होता है। जीवन को संजीदगी से जीने और… विश्वास जीतने का प्रतिफल- अमरनाथ त्रिवेदी Read more
बदलाव -अमरनाथ त्रिवेदी
अजीत और विक्रम दोनों एक ही मुहल्ले में रहते थे। अभी दोनों सरकारी विद्यालय में आठवीं कक्षा में पढ़ रहे थे, परंतु दोनों के स्वभाव में आकाश पाताल का अंतर… बदलाव -अमरनाथ त्रिवेदीRead more
अमावस की रात – स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”
लघु कथा अमावस की अँधेरी रात! मैं अकेली पगडंडियों से होती हुई गाँव की ओर जा रही थी। हाथ में एक बैग और दूसरे हाथ में टॉर्च। लगभग 2 कि.… अमावस की रात – स्नेहलता द्विवेदी “आर्या”Read more
अमृता की पेंटिंग- अदिति भूषण
अमृता गाँव की सबसे होशियार और मेहनती लड़की थी। उसकी आँखों में हमेशा एक विशेष चमक रहती थी, जैसे वह कुछ बड़ा करना चाहती हो। उसके दिल में अपने देश… अमृता की पेंटिंग- अदिति भूषणRead more
मैं ही देश हूँ – संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा शहर कई दिनों से अशांत है। लोगों में नफ़रत और भय का माहौल है।कल तक जो लोग आपस में गले मिला करते थे, आज एक दूसरे की गर्दन काटने… मैं ही देश हूँ – संजीव प्रियदर्शीRead more
कहानी – संस्कृति चौधरी
कहानीदरभंगा जिले में एक देवेश नाम का बालक रहता था। वह अपनी दादी से बहुत प्यार करता था। और दादी भी देवेश पर खूब स्नेह लुटाती थी। दादी देवेश को… कहानी – संस्कृति चौधरीRead more
स्वभाव – मुकेश कुमार मृदुल
लघुकथाअपने घर के बैठकखाने में टयूशन पढ रहे सात वर्ष का लडका पढने के क्रम में रुककर बोला – “अब छुट्टी कर दीजिए सर।”‘क्यों ?’ शिक्षक ने पूछा।सर अभी मेरी… स्वभाव – मुकेश कुमार मृदुलRead more
पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शी
लघुकथा ”गांव में जो सबसे बढ़कर धर्मनिष्ठ होगा, आज की सभा में वे ही पुरस्कार के हकदार होंगे।” ग्राम-समिति की उद्घोषणा सुनते ही रात-दिन ईश्वर नाम की माला जपने वालों… पुरस्कार के हकदार – संजीव प्रियदर्शीRead more