इनकलाब- संजीव प्रियदर्शी

ब्रिटिश हुकूमत का काल था।उस समय भारतीय समाज अनेक कुप्रथाओं से दूषित पड़ा था, जिसमें नरबलि का प्रचालन भी जोरों पर था।लोग अपने-अपने इष्टदेवों को प्रसन्न करने अथवा मन्नतें पूरी… इनकलाब- संजीव प्रियदर्शीRead more

वृक्ष लगाओ,रोजगार पाओ- श्री विमल कुमार “विनोद”

रामू,श्याम,मोहन,रघू,शशि,सोहन नामक बेरोजगार दोस्त जीवन में बेरोजगारी की मार से जूझते हुये तबाही के चरम शिखर पर पहुँच गये हैं।अब ये दोस्त मिलकर कोई अच्छा सा धंधा करना चाहते हैं।इन… वृक्ष लगाओ,रोजगार पाओ- श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

वृक्ष धन अर्जन का एक साधन- श्री विमल कुमार”विनोद”

(राष्ट्रीय बालिका दिवस पर श्री विमल कुमार”विनोद” की प्रस्तुति।)23 वर्षीय मोहन एक सीधा- साधा खूबसूरत लड़का जो कि कर्मठ लेकिन गरीब परिवार में जन्म लिया था।जबकि शोभा नामक एक साँवली… वृक्ष धन अर्जन का एक साधन- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more

कालचक्र- श्री विमल कुमार विनोद

।मोहन बाबू जो कि एक दफ्तर में काम करते थे।कामकाज करते-करते इनको यह महसूस होने लगता है कि अब जीवन के ग्राहस्थ आश्रम मेें प्रवेश किया जाय।इनके माता-पिता जी को… कालचक्र- श्री विमल कुमार विनोदRead more

जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”

श्री विमल कुमार”विनोद”लिखित लघुकथा।मोहन बाबू जो कि एक दफ्तर में काम करते हैं।इनके परिवार में कुल मिलाकर लगभग दस सदस्य हैं, जिनमें से इकलौता कमाने वाले मोहन बाबू ही हैं।दिनभर… जलती चितायें- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more

हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरव

कुंदन का परीक्षाफल आज निकलने वाला है। इसीलिए वह सुबह से ही दैनिक कार्यों से निवृत्त होने लगा। स्कूल जाने के समय तैयार हो स्कूल की ओर चल पड़ा। स्कूल… हृदय परिवर्तन -सुरेश कुमार गौरवRead more

नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व

“नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व” स्थूल दृष्टिकोण से पृथ्वी के प्राकृतिक तथा भौतिक घटकों जैसे हवा,जल ,मृदा,वनस्पति को पर्यावरण का प्रतिनिधि माना गया है।ये घटकें मनुष्य को चारों ओर… नदी का धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वRead more

अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”

गाँव-गंवई भाषा में समय की वास्तविकता पर आधारित लघुकथा।संक्षिप्त सार-जानवरों की चौपाल जिसमें कुत्ते,बिल्ली, कौआ,मैनागाय,बैल,भेड़-बकरी सारे चिंतित नजर आ रहे हैं।इसी बीच एक सूट-बूट पहना जेनटलमेन आॅटोरिक्शा से उतर कर… अब क्या होगा श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

“कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”

रमेश नामक एक छोटा सा बालक बचपन में अपने दरवाजे पर प्रतिदिन सड़क के किनारे खेलता था।एक दिन इसी क्रम में खेलते समय अचानक दो बैल आपस में लड़ते हुये… “कोई तो है”- श्री विमल कुमार”विनोद”Read more