सलमा धीरे धीरे आकर मेरे बगल में झिझकते और शर्माती हुई ख़डी हो गई। पहले तो मैंने उसे तवज्जो नहीं दी लेकिन ज़ब वो किंकर्तव्यविमूढ़ होकर इधर उधर देखती हुई… मैं भी तो बेटी हूं : डॉ. स्नेहलता द्विवेदी आर्याRead more
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सुनीता का त्याग : लवली कुमारी
खट-खट की आवाज सुन कर सुनीता ने कहा, “नैना देखो तो दरवाजा पर कोई आया है।” “मां, पार्सल वाले भैया हैं”, सुनीता आश्चर्य से बोली। “पार्सल वाले क्यों?” “पता नहीं… सुनीता का त्याग : लवली कुमारीRead more
असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरव
रवि एक मेहनती लेकिन साधारण छात्र था। माध्यमिक की परीक्षा में असफल होने के बाद उसकी दुनिया जैसे अंधकारमय हो गई थी। समाज के ताने, रिश्तेदारों की उपेक्षा और दोस्तों… असफलता से सफलता तक- सुरेश कुमार गौरवRead more
परीक्षा का सच- सुरेश कुमार गौरव
गाँव के छोटे से स्कूल में पढ़ने वाला सूरज पढ़ाई में औसत था। परीक्षा का नाम सुनते ही उसके माथे पर पसीना छलकने लगता। इस बार भी वार्षिक परीक्षा सर… परीक्षा का सच- सुरेश कुमार गौरवRead more
तेते पाँव पसारिए- मनु कुमारी
मनुष्य को अपने सामर्थ्य के अनुसार हीं जीवन में खर्च करना चाहिए। ऐसा नहीं कि आमदनी अठन्नी हो और हम खर्चा रूपया करें। अपनी आमदनी के हिसाब से हीं अपना… तेते पाँव पसारिए- मनु कुमारीRead more
जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरव
गाँव के अंतिम छोर पर एक टूटी-फूटी झोपड़ी में बुजुर्ग हरिश्चंद्र रहते थे। उम्र के अंतिम पड़ाव पर उनका न कोई संगी था, न कोई संतान। समय काल ने उनसे… जीवन का दीपक- सुरेश कुमार गौरवRead more
रजिया की शादी- नीतू रानी
रजिया की माँ रजिया की शादी बारह वर्ष में करवा देना चाहती थी। यानी कि “बाल विवाह”, क्योंकि अगर रजिया पंद्रह, सत्रह साल की हो जाएगी तो उसके लायक लड़का… रजिया की शादी- नीतू रानीRead more
हरित धरा- रुचिका
आज सुबह से ही हर जगह बड़ी धूमधाम थी। फावड़ा, कुदाल, बाल्टी मग और नर्सरी से लिये कुछ पौधों के साथ नेताजी और उनके समर्थक चल रहे थे।जहाँ भी खाली… हरित धरा- रुचिकाRead more
भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारी
किसी भी आयोजन में, चाहे शादी हो, विवाह हो, मुंडन हो या मृत्यु भोज हो, किसी भी तरह का आयोजन हो-सभी आयोजनों में भोजन बनाने में काफी पैसे खर्च होते… भोजन की बर्बादी कैसे रोकें?- मनु कुमारीRead more
हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बर
हिंदी हमारे देश की राजभाषा है। आज हिंदी भाषा के बढ़ते चलन और वैश्विक रूप ने रोजगार की अनेक संभावनाओं को उजागर किया है। विविध क्षेत्रों में इसकी स्वीकृति और… हिंदी में रोजगार की संभावनाएं- आशीष अम्बरRead more