सरिता जी की कामवाली सरला आज फिर देर से आई। सरिता जी ने कहा, “सरला,आज फिर तूने देर कर दी जबकि कल ही मैंने कहा था जरा जल्दी आना, कुछ… स्त्री का दर्द : रूचिकाRead more
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दोहरा चेहरा : रूचिका
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सुधा जी का जोरदार स्वागत किया गया। सुधा जी को नारी उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और स्त्रियों के सुरक्षा और सहयोग के लिए… दोहरा चेहरा : रूचिकाRead more
साहसी अनीश : सुमोना रिंकू घोष
अनीश के पिता फॉल्टि मंडल गुजरात में एक नमक की फैक्ट्री में काम करते हैं वहां वे मजदूरी करते हैं ।अनीश की मां एक ग्रहणी है जो कुशलता पूर्वक अपना… साहसी अनीश : सुमोना रिंकू घोषRead more
जल संकट : समस्या और निदान : आशीष अम्बर
पानी की कमी सतत् विकास के लिए प्रमुख चुनौतियों में से एक है, क्योंकि पानी न केवल मानवता के लिए, बल्कि कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है… जल संकट : समस्या और निदान : आशीष अम्बरRead more
साइबर सुरक्षा और जागरुकता की आवश्यकता : आशीष अम्बर
विषय वस्तु – आज इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन के अभिन्न अंगों में से एक बन गया है । वह हमारे दैनिक जीवन के अधिकांश पहलुओं को प्रभावित कर रहा है… साइबर सुरक्षा और जागरुकता की आवश्यकता : आशीष अम्बरRead more
लोको मोको डिंग डांग : मो.ज़ाहिद हुसैन
संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा- अंतिम भाग व्हाइट हिल में सहेलियां एक दूसरे को चिढ़ाने के लिए अजब- गजब नाम बुनते हैं। बोनफायर के दिन सहेलियां कटुता को भूल कर नाचते-गाते… लोको मोको डिंग डांग : मो.ज़ाहिद हुसैनRead more
व्हाइट हिल : मो.ज़ाहिद हुसैन
(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-3) व्हाइट हिल प्रकृति की गोद में बसा एक अनोखा विद्यालय है जहां सह-संज्ञानात्मक क्रिया पर जोर देकर बच्चियों में जिम्मेदारी, रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता का विकास… व्हाइट हिल : मो.ज़ाहिद हुसैनRead more
अलमामैटर: मस्ती की पाठशाला : मो. जाहिद हुसैन
(संज्ञानात्मक विकास एवं शिक्षा-2) यदि बच्चे के मस्तिष्क पर दबाव न पड़े तो उनमें सीखने की जिज्ञासा स्वतः जागृत होगी। बंटी का एडमिशन पापा ने अपने एक दोस्त के विद्यालय ‘अल्मा मैटर’… अलमामैटर: मस्ती की पाठशाला : मो. जाहिद हुसैनRead more
पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरव
बचपन में कोई सिखाता नहीं कि झूठ बोलना बुरा है, पर जब बोलते हैं और पकड़े जाते हैं – तभी असल शिक्षा मिलती है।मुझे याद है – वह मेरी तीसरी… पहला झूठ और पहली सज़ा : सुरेश कुमार गौरवRead more
नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झा
महापुरुष अज्ञात, निर्वाक और शांत होते हैं।महापुरुष नाम-यश के गुलाम नहीं होते हैं। वे शब्दों(निन्दा-स्तुति) के भी गुलाम नहीं होते हैं। वे दृढ़नियमी, कर्तव्यपरायण और ईमानदार होते हैं। वे कर्तापन… नाम और यश : गिरीन्द्र मोहन झाRead more