(राजू नहाते हुए) माँ-माँनल से पानी नहीं आ रहा है! माँ- क्यों?नल को ठीक से खोलो।राजू- माँ नल खुला हुआ है। माँ- अरे तो फिर पानी क्यों नहीं आ रहा… राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारीRead more
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सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमा
सचेतक स्वामी विवेकानंद जी भारतीयता के ताने-बाने से बुना हुआ व्यक्तित्व, मातृभूमि के दुरावस्था से व्यथित हृदय और तत्कालीन समय में युवाओं के सचेतक स्वामी विवेकानंद जी… सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमाRead more
कवि कौन-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
कवि कौन जो अपनी लेखनी की ताकत से समाज का दशा व दिशा बदल दे, कवि वो है। कहते हैं कि कलम की धार तलवार… कवि कौन-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’Read more
स्वगुण-कुमारी निरुपमा
स्वगुण एक सप्ताह पहले की बात है, नाव से पार करते समय एक बुजुर्ग महिला और उसके साथ उसकी दो युवा पौत्री भी थी। वह सभी उस… स्वगुण-कुमारी निरुपमाRead more
संविधान दिवस-नीतू रानी “निवेदिता”
संविधान दिवस भारतीय संविधान का निर्माण कैबिनेट मिशन के सिफारिश पर एक संविधान निर्मात्री सभा द्वारा किया गया। इसके सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की… संविधान दिवस-नीतू रानी “निवेदिता”Read more
वृक्ष हमारे पूजनीय है-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
वृक्ष हमारे पूजनीय है वृक्ष हमारे पूजनीय हैं क्योंकि वृक्षों से हमें प्राणवायु के रूप में ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।ऑक्सीजन हमारे जीवन का… वृक्ष हमारे पूजनीय है-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’Read more
आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है-सुरेश कुमार गौरव
आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है 🌳वर्तमान में मुद्दा यह है कि वातावरण में अभी कितनी मात्रा में ऑक्सीजन है। यह तो हम सब… आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है-सुरेश कुमार गौरवRead more
भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
भाषा एक प्रतिबिंब वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब “भाषा” है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसके द्वारा प्रयुक्त भाषा… भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”Read more
देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘
देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से शिव और शक्ति विश्व को मूर्तरूप प्रदान करने के परमावश्यक अवयव हैं। पदार्थ में शिवत्व का दर्शन और शक्ति… देवी पूजा स्वरूप : मेरी नजर से-डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘Read more
लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमा
लौटा दो मेरा स्कूल रात के पौने दस बज रहे थे। मैं इसलिए देर से काली मंदिर गई थी ताकि भीड़ एकदम नहीं हो। जब मंदिर… लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमाRead more