दुःख में छिपा सुख- श्री विमल कुमार “विनोद”

आज से लगभग पचास वर्ष पूर्व की बात है,किसी गाँव में एक मध्यम वर्गीय परिवार था,जिसमें परिवार के मुखिया रेलवे में टाॅली मैन की साधारण सी नौकरी कर रहे थे,कम…  दुःख में छिपा सुख- श्री विमल कुमार “विनोद”Read more

सबक – रेवती रानी

एक लड़का, नाम था किसन। माँ का बहुत ही दुलारा था इसलिए बहुत ही शरारती था। उसकी उम्र पाँच वर्ष थी। हमेशा वह कुछ न कुछ गड़बड़ी करते रहता था।… सबक – रेवती रानीRead more

राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारी

(राजू नहाते हुए) माँ-माँनल से पानी नहीं आ रहा है! माँ- क्यों?नल को ठीक से खोलो।राजू- माँ नल खुला हुआ है। माँ- अरे तो फिर पानी क्यों नहीं आ रहा… राजू को समझ आई -कुमकुम कुमारीRead more

सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमा

सचेतक स्वामी विवेकानंद जी        भारतीयता के ताने-बाने से बुना हुआ व्यक्तित्व, मातृभूमि के दुरावस्था से व्यथित हृदय और तत्कालीन समय में युवाओं के सचेतक स्वामी विवेकानंद जी… सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमाRead more

कवि कौन-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

कवि कौन           जो अपनी लेखनी की ताकत से समाज का दशा व दिशा बदल दे, कवि वो है। कहते हैं कि कलम की धार तलवार… कवि कौन-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’Read more

स्वगुण-कुमारी निरुपमा

स्वगुण       एक सप्ताह पहले की बात है, नाव से पार करते समय एक बुजुर्ग महिला और उसके साथ उसकी दो युवा पौत्री भी थी। वह सभी उस… स्वगुण-कुमारी निरुपमाRead more

संविधान दिवस-नीतू रानी “निवेदिता”

संविधान दिवस          भारतीय संविधान का निर्माण कैबिनेट मिशन के सिफारिश पर एक संविधान निर्मात्री सभा द्वारा किया गया। इसके सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की… संविधान दिवस-नीतू रानी “निवेदिता”Read more

वृक्ष हमारे पूजनीय है-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

  वृक्ष हमारे पूजनीय है           वृक्ष हमारे पूजनीय हैं क्योंकि वृक्षों से हमें प्राणवायु के रूप में ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।ऑक्सीजन हमारे जीवन का… वृक्ष हमारे पूजनीय है-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’Read more

आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है-सुरेश कुमार गौरव

आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है           🌳वर्तमान में मुद्दा यह है कि वातावरण में अभी कितनी मात्रा में ऑक्‍सीजन है। यह तो हम सब… आक्सीजन युक्त पेड़ समय की मांग है-सुरेश कुमार गौरवRead more

भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

भाषा एक प्रतिबिंब           वक्ता के विकास और चरित्र का वास्तविक प्रतिबिंब “भाषा” है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिभाषित करने में उसके द्वारा प्रयुक्त भाषा… भाषा एक प्रतिबिंब-कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”Read more