आत्मनिर्भरता-अर्चना गुप्ता

आत्मनिर्भरता            आत्मनिर्भर का अर्थ ही है अपनी जरूरतों के लिए खुद पर निर्भर रहना औरों पर नहीं। यदि कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर हो तो वह अपना… आत्मनिर्भरता-अर्चना गुप्ताRead more

जिज्ञासा-विजय सिंह नीलकण्ठ

जिज्ञासा                 ऐसी अमूर्त भावना जो हर किसी के अंदर समाहित रहती है। यह अमूर्त होते हुए भी इतना महत्वपूर्ण है जो मानव को… जिज्ञासा-विजय सिंह नीलकण्ठRead more

मृत्यु एक सत्य-राकेश कुमार

मृत्यु एक सत्य           मनुष्य जब इस अलौकिक दुनियाँ में आता है तो एक निश्चित अवधि के बाद इस खुबसूरत दुुनियाँ से अलविदा भी हो जाता… मृत्यु एक सत्य-राकेश कुमारRead more

लालच बुरी बला है-पंकज कुमार

लालच बुरी बला है           वैशाली जिले के राजोपुर गाँव में मोहन नाम का एक आदमी रहता था । वह बहुत ही लालची और कंजूस आदमी था… लालच बुरी बला है-पंकज कुमारRead more

और मैं बन गई मम्मा-मधुमिता

और मैं बन गई मम्मा           गोधूलि बेला में मैं ध्यान करने जा रही थी कि तभी मोबाइल की घंटी बजी। बेटू ने कहा “मम्मा मेरा… और मैं बन गई मम्मा-मधुमिताRead more

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारी

मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है           जैसा कि हम अपने समाज में देखते है कि बहुत से लोग भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। उनका… मनुष्य अपना भाग्य निर्माता स्वयं है-रीना कुमारीRead more

बहन की दुआ-मनु कुमारी

बहन की दुआ           रक्षाबंधन का दिन था। अन्य बहनों की तरह रिमझिम भी इस त्योहार को लेकर काफी उत्साहित थी! रिमझिम के परिवार में केवल… बहन की दुआ-मनु कुमारीRead more

गाँव-दिलीप कुमार गुप्ता

गाँव            शहर की भीड़ भरी उमस से बरबस ही ध्यान खींचती है गाँव की हरी-भरी वादियां ।शहरों के कोलाहल आपा धापी घुटन चित्कार उहापोह अपनों… गाँव-दिलीप कुमार गुप्ताRead more

आजादी का सुख-रानी कुमारी

आजादी का सुख           अरी बहन चमेली, तुम्हारे पत्ते आज मुरझाए-से क्यों लग रहे हैं?” बरामदे पर रखे गमले में शान से खड़े गुलाब के पौधे… आजादी का सुख-रानी कुमारीRead more