महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी-हर्ष नारायण दास

महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी           राजा उपरिचर, चेदि देश के राजा थे। वे बड़े धार्मिक एवं सत्यप्रतिज्ञ थे। उनके पास प्रचुर धन था। वे… महर्षि व्यास के प्राकट्य की कहानी-हर्ष नारायण दासRead more

अपनी माटी-कुमारी निरुपमा

अपनी माटी           आरुणि के प्रश्नों का जवाब देते देते-देते उसके पापा कभी-कभी झुंझला कर उसे चुप भी करा देते थे। आज आरुणि पापा और कपिल… अपनी माटी-कुमारी निरुपमाRead more

मित्रता का मान-कुमारी निरुपमा

मित्रता का मान           विद्यालय में “कृष्ण और सुदामा” नाटक का मंचन किया जाना था। वर्ग सात के अंग्रेजी के किताब का एक लेशन जब से… मित्रता का मान-कुमारी निरुपमाRead more

सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टि

सत्कर्म का फल           एक दिन अंबर नाम का ग्वाला सुबह दूध लेकर बेचने को निकला। वह दूध बेचकर घर की ओर लौट रहा था कि… सत्कर्म का फल-ब्रह्माकुमारी मधुमिता सृष्टिRead more

धूप में देवता-संजीव प्रियदर्शी

 धूप में देवता           रघु बारह हजार रुपये पत्नी लखिया को देते हुए बोला – “रख ले ये रुपये। फ़सल के दाम हैं।” लखिया नोटों की… धूप में देवता-संजीव प्रियदर्शीRead more