संघर्ष-अर्चना गुप्ता

संघर्ष

          जीवन में अगर संघर्ष न हो तो मनुष्य के जीवन का कभी सर्वांगीण विकास नहीं हो पाएगा। शायद ही ऐसा कोई मनुष्य होगा जिसे संघर्ष का कोई अनुभव नहीं हो। हर व्यक्ति संघर्ष की अग्नि में तपकर ही कुंदन बनता है ।संघर्षों और चुनौतियों से लड़ते हुए ही हमारे ऊपर सदियों से छाया अंधेरा छँटता है और जीवन आलोकित होता है। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती वह अपनी पहचान खुद ही बना लेती है भले ही उनकी राहों में कितनी बाधाएँ आए। अगर जीवन में ईमानदारी से हम कुछ करने की ठान लेते हैं तो हमारा हौसला और इच्छाशक्ति ही हमें शून्य से अनंत तक विस्तार देने का काम करता है। जब हम सफल होते हैं तो कोई सोच भी नहीं सकता इनके पीछे का कठिन संघर्ष और की गई मेहनत। जीवन में हर कोई सफलता पाने की उम्मीद में अथक प्रयास करता है पर कभी-कभी ऐसा होता है कि हम जल्दबाजी में शार्टकट राह चुन लेते हैं जिससे मंजिल के करीब होकर भी सफलता से वंचित रह जाते है। सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता। यही कारण है कि आज समय चाहे कितना भी बदल गया है पर सफलता के लिए लोग आज भी कड़ी मेहनत और संघर्षों की भट्ठी में अहर्निश तपते रहते हैं तब जाकर सफलता का स्वाद मिलता है ।

वैसे देखा जाए तो कुछ भी आसान नहीं होता। कुछ अच्छा पाने के लिए हमें अपने जीवन में संघर्ष करना ही पड़ता है। यदि व्यक्ति के अंदर आत्मबल है, मानसिक और शारीरिक सक्षमता है तो संघर्ष में कोई बाधा नहीं होती बशर्ते जीवन का रूख सकारात्मक हो और मंजिल को पाने की चाह हो। संघर्ष ही हमें सतत् क्रियाशील रहकर जीवन का अनुभव कराता है और जीना सिखाता है ।

संघर्ष हर लम्हा जीवन को निखारकर सँवारता और तराशता है। संघर्ष जीवन के उतार चढ़ाव और अच्छे बुरे का ज्ञान कराता है ।संघर्ष का दामन थाम के ही हम जिंदगी में आगे बढ़ते हैं और जीवन का सही आनंद लेते हैं ।सृष्टि में हर छोटे-बड़े प्राणियों के जीवन में संघर्ष होता है इसलिए हमें संघर्ष से घबड़ाना नहीं चाहिए। हमें सफलता पाने के लिए उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए तभी हम जीत की ओर अग्रसर होंगे। संघर्ष जीवन का सबसे बड़ा वरदान है जो हमें सहनशील, संवेदनशील बनाकर शिखर तक पहुँचाता है।

अर्चना गुप्ता
म. वि. कुआड़ी
अररिया, बिहार

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