कोविड के बाद मेरी पहली कक्षा कोविड-19 के बाद विद्यालय में पुनः चहल पहल देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण है कि लगभग ग्यारह… कोविड के बाद मेरी पहली कक्षा-भवानंद सिंहRead more
Category: हिन्दी कहानी
टूटते बिखरते सपने-राजीव नयन कुमार
टूटते बिखरते सपने कुसुमपुर गांव में राघव नाम के एक व्यक्ति अपनी पत्नी दौलती और दो बच्चों के साथ रहता था। वह बहुत गरीब था।… टूटते बिखरते सपने-राजीव नयन कुमारRead more
टीचर्स ऑफ बिहार की परिसंकल्पना-रोमा कुमारी
टीचर्स ऑफ बिहार की परिसंकल्पना शंकर- अरे आज का अखबार कहांँ है? यह रहा आज का अखबार जरा एक सरसरी निगाह से मुख्य बिंदुओं को देख तो लूं क्या देखूं?… टीचर्स ऑफ बिहार की परिसंकल्पना-रोमा कुमारीRead more
नशा-अरविंद कुमार
नशा (इस कहानी के पात्र, घटनायें व स्थान काल्पनिक है, इसका उद्देश्य मनोरंजन है।) “नमिता अरे ! ओ नमिता !…….. लड़खड़ाते कदम, बहकी आवाजें, मुंह से निकलते विशेष दुर्गंध को… नशा-अरविंद कुमारRead more
कृषि के लिए बैल का उपयोग-सुमोना घोष
कृषि के लिए बैल का उपयोग जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो सभी जीव-जंतु धरती पर अवतरित हुए । पेड़ पौधे, जलचर,… कृषि के लिए बैल का उपयोग-सुमोना घोषRead more
त्याग और बलिदान-भोला प्रसाद शर्मा
त्याग और बलिदान (यह कथा विद्यालय सम्बंधित है जिसमें श्यामपट, चॉक और डस्टर आपस में वार्तालाप करते हैं।) श्यामपट: नमस्कार भाई साहेब नमस्कार। चॉक: नमस्कार! नमस्कार!कहिये जनाब कैसे बीत रहा… त्याग और बलिदान-भोला प्रसाद शर्माRead more
कलंक-अरविंद कुमार
कलंक “रमेश..जी, अरे! ऐ रमेश..जी.. उठअ..हो..कर्मचारी..साहेब, तनी नींद.. तोड़ल..जाय..हो “रामनगर थाने का दारोगा कुन्दन, रमेश के बांह पर हाथ रख, उसे हिलाते-डुलाते हुए बोला। दारोगा… कलंक-अरविंद कुमारRead more
पटना का गोलघर-हर्ष नारायण दास
पटना का गोलघर एक ऐतिहासिक स्मारक पटना विश्व के प्राचीनतम नगरों में से एक है। अपनी ऐतिहासिक गाथा के क्रम में इस नगर के नाम… पटना का गोलघर-हर्ष नारायण दासRead more
कला समेकित शिक्षा द्वारा विज्ञान शिक्षा-सुधांशु कुमार चक्रवर्ती
कला समेकित शिक्षा द्वारा विज्ञान शिक्षा किसी भी वस्तु के विशेष एवं क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते है। विज्ञान विषय में अध्ययन कार्य बच्चों के… कला समेकित शिक्षा द्वारा विज्ञान शिक्षा-सुधांशु कुमार चक्रवर्तीRead more
समझदारी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
समझदारी प्रतिदिन की तरह आज भी रोहित जब सुबह की सैर करते हुए सड़क किनारे जले इक्का, दुक्का स्ट्रीट लाइट को बुझाते हुए मस्जिद वाले… समझदारी-जैनेन्द्र प्रसाद रविRead more