सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमा

सचेतक स्वामी विवेकानंद जी        भारतीयता के ताने-बाने से बुना हुआ व्यक्तित्व, मातृभूमि के दुरावस्था से व्यथित हृदय और तत्कालीन समय में युवाओं के सचेतक स्वामी विवेकानंद जी… सचेतक स्वामी विवेकानंद जी-कुमारी निरुपमाRead more

स्वगुण-कुमारी निरुपमा

स्वगुण       एक सप्ताह पहले की बात है, नाव से पार करते समय एक बुजुर्ग महिला और उसके साथ उसकी दो युवा पौत्री भी थी। वह सभी उस… स्वगुण-कुमारी निरुपमाRead more

आशीर्वाद-कुमारी निरुपमा

आशीर्वाद           माॅं की तबीयत जब भी खराब होती थी मोनिया को पिंकी दीदी के घर जाना ही होता था। मोनिया की मां परीक्षा के समय… आशीर्वाद-कुमारी निरुपमाRead more

लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमा

लौटा दो मेरा स्कूल          रात के पौने दस बज रहे थे। मैं इसलिए देर से काली मंदिर गई थी ताकि भीड़ एकदम नहीं हो। जब मंदिर… लौटा दो मेरा स्कूल-कुमारी निरुपमाRead more

अपनी माटी-कुमारी निरुपमा

अपनी माटी           आरुणि के प्रश्नों का जवाब देते देते-देते उसके पापा कभी-कभी झुंझला कर उसे चुप भी करा देते थे। आज आरुणि पापा और कपिल… अपनी माटी-कुमारी निरुपमाRead more

अनमोल-कुमारी निरुपमा

अनमोल           कुमकुम का एक वर्षीय बेटा चीनू लगातार रो रहा है। वह अपने बेटे को लेकर काम करने आती है। वह दुधुआ-दुधुआ करके रोएं जा… अनमोल-कुमारी निरुपमाRead more

लैंडमार्क-कुमारी निरुपमा

लैंडमार्क           अंश आज अपने गांव आठ वर्ष के बाद जा रहा था। उसके पापा को उनकी कम्पनी एक प्रोजेक्ट को पूरा करने न्यूयार्क भेज दिया… लैंडमार्क-कुमारी निरुपमाRead more

विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय-कुमारी निरुपमा

  विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय             शिक्षा के मामले में आज भले ही भारत दुनिया के कई देशों से पीछे है लेकिन एक समय… विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय-कुमारी निरुपमाRead more